जानिए क्या है आम बजट पर अर्धशास्त्रियों की राय 

जानिए क्या है आम बजट पर अर्धशास्त्रियों की राय 

वाराणसी। आज मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में दूसरा 2020-21 का केंद्रीय बजट पेश हुआ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आम बजट पेश किया। आज वित्त मंत्री ने राष्ट्रपति से मुलाकात करने के बाद केंद्रीय बैठक में हिस्सा लिया और उसके आम बजट पेश करने के लिए लोकसभा पहुंची। 

इस आम बजट को पेश करने के लिए वित्त मंत्री ने फिर से लाल रंग की बही खाते का इस्तेमाल किया जैसा कि इससे पहले उन्होंने किया था। 

इस बजट को तैयार करने में वित्त सचिव राजीव कुमार, एक्सपेंडिचर सेक्रेटरी टीवी सोमनाथन, विनिवेश सचिन तुहीनकांत पाण्डेय, राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय और आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती की विशेष भूमिका रही। 

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट अर्थशास्त्र अचल कुमार गौड़ ने बताया कि जो केंद्रीय बजट लोकसभा में पेश किया गया उसमें अंडरटेकिंग पब्लिक सेक्टर में विनिवेश के बारे में ज्यादा ध्यान दिया गया है। 

जैसे एलआईसी और रेलवे के कुछ पार्ट को प्राइवेट सेक्टर में देने के बारे में कहा गया। बजट में देखा गया कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार ज्यादा विनियोग के बारे में सोच रही है और लगभग 100 लाख करोड़ का जो निवेश सरकार द्वारा दिया जा रहा है वो एक अच्छा कदम है। 

इसके अलावा मीडियम, स्मॉल और मिक्रो इंटर प्राइजेज में गति प्रदान करने के लिए इस बजट में सरकार ने विनियोग किया है। कम आय वाले लोगों को भी इससे फायदा होगा। क्यूंकि वर्तमान में जो भारत की आर्थिक स्थिति है उसमें सरकार को स्वयं ज्यादा खर्च करना चाहिए। 

सरकार को खर्च के मामले में आगे आना चाहिए क्योंकि वर्तमान स्थिति में ग्रामीण क्षेत्र, कृषि क्षेत्र या ऑर्गेनाइजेशन सेक्टर में सबसे बड़ी समस्या आय की है और जब सरकार पैसा खर्च करेगी तो यह आय कि समस्या का समाधान हो सकता है। 

अगर इन सेक्टर्स के पास पैसा आता है तो उससे मांग व पूर्ति दोनों की डिमांड बढ़ेगी, जो कि एक लाभ का संकेत है। सरकार के इस पहल से रोजगार और उत्पादन की क्षमता बढ़ेगी और राष्ट्रीय आय में भी वृद्धि होगी। 

सरकार ने जिस प्रकार शिक्षा, मेडिकल व इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च की बात कही है। कुछ सोशल सेक्टर में भी सरकार ने विनिवेश की बात कही है और यदि सरकार वास्तव में इतना पैसा खर्च करती है तो निश्चित रूप से भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और जीडीपी बढ़ेगी। 

ए के गौड़ ने बताया कि इससे पहले रेल बजट को केंद्रीय बजट के साथ पेश नहीं किया जाता था मगर यदि दोनों बजट को साथ में पेश किया गया और इससे कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा। रेलवे सबसे बड़ा पब्लिक सेक्टर है उस पर बहुत ज्यादा खर्च सरकार करती है और उससे सरकार को आय भी होती है। 

अगर इसे बजट से अलग रखा जाए तो इसे तैयार करने में सरकार को काफी समस्या का सामना करना पड़ता था और रेल बजट को आम बजट के साथ पेश करना एक अच्छा कदम है। 

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Vikas Srivastava

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