माता अन्नपूर्णा ने की श्रद्धालुओं पर धन की वर्षा
वाराणसी। अन्नपूर्णा देवी का एक प्रसिद्ध मंदिर है जो की काशी में स्थित है।
भगवान शिव की नगरी काशी में मां अन्नपूर्णा की स्वर्ण प्रतिमा वाला मंदिर शुक्रवार को धनतेरस के दिन खोला गया। धनतेरस पर होने वाले विशेष दर्शन से पूर्व मंदिर को फूल माला और झालरों से सजाया गया हैं।
इसके अलावा श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक बंदोवस्त भी प्रशासन द्वारा किए गए हैं।
आपको बता दें कि इस मंदिर का निर्माण मराठा पेशवा बाजीराव ने 1729 में करवाया था। धनतेरस के दिन इस मंदिर का विशेष महत्त्व है।
इस दिन सुबह से ही इस मंदिर का कपाट खुल जाता है साथ ही श्रद्धालुओं की भीड़ का ताता मंदिर के बाहर बड़े पैमाने पे दर्शन करने के लिए देखने को मिलता है।
काशी विश्वनाथ मंदिर के पास अन्नपूर्णा मंदिर के प्रथम तल पर स्थित स्वर्ण प्रतिमा वाला मंदिर साल में सिर्फ चार दिन धनतेरस से अन्नकूट तक ही खुलता है।
शुक्रवार भोर में अमृत सिद्धी योग में मां के षोडशोपचार पूजन और मंगला आरती के बाद पट भक्तों के खोल दिए जाते हैं। चार दिनों तक देश-दुनिया के लाखों लोग मां के चरणों में अर्पित सिक्के और धान का लावा खजाने के रूप मे पाने को माता के दरबार में अपनी हाज़री लगाते हैं।
कहा जाता है कि इन्होंने स्वयं भगवान शिव को खाना खिलाया था। मंदिर में ठोस स्वर्ण प्रतिमा कमलासन पर विराजमान अन्नदात्री माता रजत शिल्प में ढले भगवान शिव की झोली में अन्नदान करते देखने को मिलती हैं।
मां अन्नपूर्णा के दायीं ओर मां लक्ष्मी और बाएं भाग में भूदेवी का स्वर्ण विग्रह है। सिंहासन व मूर्तियों की उंचाई लगभग साढ़े पांच फुट है।
अन्नपूर्णा मंदिर के प्रांगण में कुछ एक मूर्तियाँ स्थापित है,जिनमें माँ काली,शंकर पार्वती,और नरसिंह भगवान का मंदिर है।
अन्नकूट महोत्सव पर माँ अन्नपूर्णा का स्वर्ण प्रतिमा एक दिन के लिऐ भक्त दर्शन कर सकतें हैं।
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