जानिए किस तरह डॉक्टरों ने निकाला बच्ची की श्वास नली में अटका चुंबक
बच्चे शरारत तो करते ही रहते है। कभी-कभी शरारत उनके जान पर बन आता हैं। दरअसल 9 साल की एक छोटी बच्ची ने खेल-खेल में चुंबक निगल लिया था। यह घटना मंगलुरू में देखने को मिला है। परेशान और चिंतित घरवालों ने तुंरत मंगलुरू के केएमसी अस्पताल में बच्ची को भर्ती कराया। डॉक्टरों को बच्ची का इलाज करने में काफी जटिलताओं का सामना करना पड़ा, ये उनके लिए बेहद ही दुर्लभ मामला था।
बता दे कि ये चुंबक उसके फेफड़े तक जाने वाली श्वास नली में जाकर अटक गया था। जिसके बाद डॉक्टरों ने उसकी जान बचाने के लिए एक अन्य शक्तिशाली चुंबक का इस्तेमाल किया। डॉक्टरों के मुताबिक उस दूसरे चुंबक की मदद से उसके श्वास नली में फंसे चुंबक को बाहर निकाला गया। जिसके बाद बच्ची कि जान बचाई जा सकी। चुंबक बच्ची के शरीर से बाहर निकालने में डॉक्टरों ने की मशक्कत तब आखिर में बची जान। डॉक्टर ने बताया एक्स-रे के द्वारा पता लगाया गया कि चुंबक दाहिने फेफड़े के नली में फसी हुई थी। जिसके बाद तुरंत बच्चे को ऑपरेशन थियेटर में शिफ्ट कर बाल चिकित्सा सर्जन डॉक्टर जयतीर्था जोशी ने बच्ची का ब्रोचोस्कोप करने का फैसला लिया था। इस प्रक्रिया में श्वास नली में आ रही समस्या की जांच कर उसका इलाज किया जाता हैं। इसे ब्रोचोस्कोप कहते है।
डॉक्टर जोशी ने बोला कि इस केस मे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। सबसे पहले इलाज में एंडोस्कोपी विफल होने की संभावना अधिक थी। क्योंकि अटके हुए चुंबक की सतह बेहद चिकना था। एनेस्थेसियोलॉजिस्ट डॉ सुनील के साथ कई बार विचार करने के बाद हमने महसूस किया कि इस तरह की एक बड़ी वस्तु को सर्जरी से हटाने से मुख्य वायु पाइप ट्रेकेआ में दिक्कत आ सकती है। जिससे बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। इसके बाद हमारी टीम ने एक मजबूत और शक्तिशाली चुंबक के प्रयोग का फैसला किया। शक्तिशाली चुंबक की मदद से आसानी से बाहर निकाल लिया गया। इसके बाद बच्ची को अगले दिन ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। बच्ची सही सलामत अपने घर पहुच गई।