दुर्गा पंडालों पर दिख रहा कोरोना का असर
वाराणसी। कोरोना काल का धार्मिक त्योहारों पर भी बड़ा असर हुआ है। नवरात्र में दुर्गा पंडाल की बात करें तो काशी को मिनी बंगाल कहा जाता था।
क्योंकि यहां सजने वाले दुर्गा पंडालों की रौनक कुछ इस कदर होती थी कि बंगाल के बाद अगर कहीं दुर्गा पूजा की रौनक दिखती थी तो वह है काशी।
लेकिन इस कोरोना काल में यह रौनक फीकी पड़ गई और आस्था पर भी कोरोना की मार पड़ी है। दुर्गा पूजा से जुड़े व्यवसाय भी पूरी तरीके से ठप हो गए हैं।
वहीं मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार भी हैरान और परेशान हैं क्योंकि ये मूर्तिकार 30-30 पंडालों की दुर्गा प्रतिमा बनाकर अपना और अपने परिवार जा भरण पोषण करते थे और अब उन प्रतिमाओं पर पूरी तरीके से रोक लगा दी गई है।
इस बार कोई भी बड़े धार्मिक आयोजन नहीं किए जाएंगे क्योंकि बढ़ते कोरोना मरीजों को देखते हुए वाराणसी के जिलाधिकारी ने सभी प्रकार के धार्मिक आयोजनों पर रोक लगा दी है।
जिलाधिकारी के इस फैसले का असर कहीं ना कहीं छोटे व्यापारी और दुकानदारों पर देखा जा रहा है।
जहां एक ओर वाराणसी में दर्जन भर से ज्यादा मूर्तिकारों का रोजगार गया है वहीं इसी व्यवसाय से जुड़े सैकड़ों लोग भी बेरोजगार हुए।
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