अब यदि माँ-बाप को घर से निकला तो खैर नहीं, सरकार ने लांच किया टोल फ्री नंबर
बता दे कि मां को उसके ही बसाए घर से निकालने वाले बेटे को बेदखल किया जाएगा जी हाँ ये फैसला कोर्ट ने दिया है। आपको बता दे कि, कानपुर के चकेरी निवासी उर्मिला पांडे ने हाईकोर्ट में बेटे की करतूत के खिलाफ अर्जी दी थी। कोर्ट ने एसडीएम सदर कोर्ट को मामले की सुनवाई का आदेश दिया था। कोर्ट ने माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक का भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम के तहत कार्रवाई का आदेश दिया है।
उर्मिला पांडेय ने याचिका में कहा था कि उनके पति राजेंद्र पांडेय एयरफोर्स में नौकरी करते थे। जिनका निधन 30 जून 1986 को हो गया था। पति के निधन के बाद उन्होंने जैसे-तैसे मकान बनवाया। बेटी रश्मि और बेटे मनीष दोनों का विवाह कराया। बेटी ससुराल में है, उर्मिला ने मनीष की शादी सन 2000 में अनीता से कराई थी।
उर्मिला ने कहा बेटा और बहू अक्सर मारपीट करते थे, 2008 में मारपीट की रिपोर्ट भी चकेरी थाने में दर्ज है इसके बाद दोनों ने घर से उन्हें निकाल दिया था। उस समय से वह वृद्ध आश्रम में रह रही हैं। लेकिन अब कोर्ट के इस फैसले से बिठूर के रामधाम आश्रम में रह रही उर्मिला का दोबारा से अपने घर में प्रवेश हो सकेगा।
आप को बता दे कि अगर कोई अपने मां-पिता, बाबा या दादी की देखभाल नहीं करता है तो एसडीएम दस हजार रुपये तक प्रतिमाह भत्ता दिला सकते हैं। न देने पर तीन माह की कैद, पांच हजार रुपये तक जुर्र्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है। और कोई मां-बाप अपने बच्चों के नाम प्रापर्टी की वसीयत कर देता है और उसके बाद बच्चे उनकी देखभाल नहीं करते हैं तो वसीयत शून्य घोषित हो सकती है। मां-बाप इसके लिए एसडीएम के यहां अर्जी दे सकते है या फिर कोर्ट भी जा सकते हैं।
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटनाये
आपको बता दे कि कौशलपुरी नजीराबाद निवासी 86 साल के चाननलाल अजमानी और 82 साल की उनकी पत्नी कृष्णा देवी ने पौत्र की बीबी के उत्पीड़न करने पर हाईकोर्ट की शरण ली थी।
वरिष्ठ नागरिक का भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम के तहत शहर में पहला फैसला अगस्त 2016 में आया था। बाबा और दादी को परेशान करने में पौत्र की बीबी पर जिला प्रशासन ने एक्शन लिया था। हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी को इस एक्ट के तहत महिला के खिलाफ एक्शन लेने को कहा था। तब एसडीएम सदर ने नजीराबाद पुलिस ने कृष्णा देवी बहू को बलपूर्वक घर से बेदखल किया गया था।
इस नंबर पे दर्ज़ कराये शिकायत
जानकारी के मुताबिक किसी वरिष्ठ नागरिक को बेटा, बहू या अन्य परिजन परेशान करते हैं। तो वह टोल फ्री नंबर 18001800060 मिलाए। इस मामले में गाइड समाज कल्याण संस्था, प्रशासन और पुलिस उनकी सहायता करेगी। संस्था की फाउंडर डॉ. इंदू सुभाष ने बताया कि यह टोल फ्री नंबर 15 जून 2017 से काम कर रहा है। जिस टोल फ्री नंबर पर करीब 3900 वृद्धों ने शिकायत दर्ज की है।