वाराणसी: हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव आवास को किया तलब
वाराणसी: किसानों को मुआवजा दिए बिना फ्लैट आवंटन के मामले में विकास प्राधिकरण की बड़ी गैबी आवासीय योजना में 20 अगस्त को प्रमुख सचिव आवास को हाईकोर्ट ने तलब किया। इलाहाबाद की दो सदस्यीय खंडपीठ के न्यायमूर्ति शरण श्रीवास्तव ने वा न्यायमूर्ति पंकज मित्तल ने मुआवजा देने के आदेश का पालन नहीं किए जाने पर व्यक्तिगत रूप से प्रदेश के प्रमुख सचिव (आवास) को तलब किया है।
विकास प्राधिकरण से मुआवजा दिलाने का दिया गया आदेश
हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के न्यायमूर्ति रणविजय सिंह एवं न्यायमूर्ति मुख्तार अहमद ने तत्कालीन जिलाधिकारी को इस मामले के संबंध में बीते 12 फरवरी 2018 को सूरज प्रकाश और गिरधर गोपाल सुरेका बड़ी गैबी निवासी जो की प्रभावित किसान है विकास प्राधिकरण से मुआवजा दिलाने का आदेश दिया था।
डीएम ने पत्रावली को साक्ष्य के लिए भेजा
इसके बाद भी डीएम ने पत्रावली को साक्ष्य के लिए सीलिंग एक्ट समाप्त होने पर भी सक्षम प्राधिकारी के पास सीलिंग विभाग में भेज दिया। हाईकोर्ट में अधिवक्ताद्वय अनिल शर्मा के साथ ही प्रशांत शर्मा के माध्यम से प्रभावित किसानों ने चुनौती दी। दोनों ही किसानों का कहना है कि विकास प्राधिकरण ने 1988 में जमीन का स्वामित्व सीलिंग का नहीं होने के बाद भी 138 विस्वा जमीन अर्थात 17520 वर्गमीटर जमीन पर बहुत ज्यादा तादाद में फ्लैट बनाकर बेच दिए एवं इसका कोई मुआबजा तक नहीं दिया।
हम आपको बताते चले कि हाईकोर्ट ने मुआवजा देने के आदेशित करने पर तत्कालीन डीएम ने पत्रावली सीलिंग विभाग को भेज दी जिस कारण हाईकोर्ट के आदेश का पालन भी न हो सका। इस मामले में हाईकोर्ट ने जो पक्षकार बनाए उनमें प्रमुख सचिव आवास, डीएम सहित प्रमुख सचिव आवास को विकास प्राधिकरण के प्रति शपथपत्र नहीं दाखिल करने का आदेश देते हुए अधिकारियों के कंडक्ट को स्पष्ट करने के साथ ही साथ प्रमुख सचिव आवास को भी तलब कर लिया है।