बनारस में पुलिस की शह पर हो रही वाहनों से अवैध वसूली, रुपये न देने वालों का सड़क पर चलना मुश्किल

बनारस में पुलिस की शह पर हो रही वाहनों से अवैध वसूली, रुपये न देने वालों का सड़क पर चलना मुश्किल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में पुलिस की शह पर वाहनों से अवैध वसूली का खुला खेल सामने आया है। बनारस में कैंट स्टेशन से लेकर मुगलसराय के बीच छह स्थान पर पुलिस की शह पर सवारी वाहनों से अवैध वसूली की जाती है। चौकाघाट, कज्जाकपुरा, मालवीय पुल, गोलगड्डा, पड़ाव और मुगलसराय रेलवे स्टेशन के बाहर पुलिस के सामने ही अवैध वसूली की जाती है। पैसा न देने पर सड़क पर वाहन चलाना मुश्किल कर दिया जाता है। लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है।

रविवार को मालवीय पुल से अवैध वसूली के आरोप में गिरफ्तार सियाराम गौड़ को सोमवार को जेल भेज दिया गया जबकि संजय कुमार सिंह और राजकुमार की पुलिस तलाश कर रही है। सवारी वाहन चालकों का कहना है कि कैंट से चलने वाली टाटा मैजिक को सुबह 30 रुपये देना होता है। इसके अलावा हर महीने एक हजार रुपये प्रत्येक गाड़ी से लिया जाता है। नगर निगम की पर्ची हाथ में लिए कैंट से मुगलसराय तक वसूली करने वाले युवक पुलिस की भेष में मनमानी पर उतारू रहते हैं।

चौकाघाट पर 60 रुपये व मालवीय पुल पर 20 रुपये रोज व पांच सौ महीना वसूला जाता है। इसके अलावा पड़ाव और मुगलसराय पर हर चक्कर के बाद 20 रुपये व पांच से एक हजार रुपये तक महीना वसूला जाता है। इसके बदले में पुलिस को भी हर महीने मोटी रकम दी जाती है। इस काम में संबंधित थानों की पुलिस वसूली करने वालों को संरक्षण देती है। पैसे की इस वसूली के खेल में न जाने ऐसे कितने चेहरे शामिल हैं।

सवारी वाहन संचालकों के अनुसार फर्जीवाड़े पर आधारित इस वसूली की जांच कराई जाए तो बड़ा खुलासा हो सकता है। आदमपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार सियाराम गौड़ के पास से नगर निगम की फर्जी पर्ची बरामद हुई थी। इस शख्स को मालवीय पुल से पैसे की वसूली करते हुए गिरफ्तार किया गया है।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.

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