आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने कहा पुलिसकर्मियों की आत्महत्या के पीछे है यह वजह
वाराणसी : शुक्रवार को सर्किट हाउस में आईजी नागरिक सुरक्षा अमिताभ ठाकुर ने प्रेसवार्ता की। इस प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि काफी हद तक किसी भी सरकारी विभाग के हिसाब से पुलिस विभाग में तनाव ज्यादा है। साथ ही कहा की जिस प्रकार से पुलिस विभाग में पुलिसकर्मियो द्वारा आत्महत्या की घटनाओं में इजाफा हुआ है उसका मुख्य कारण काफी हद तक कार्यस्थल का तनाव है।
पुलिस प्रशासन द्वारा ली जाए जिम्मेदारी
साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे कदम पुलिस प्रशासन एवं सरकार की तरफ से उठाये जाए जिससे पुलिसकर्मी में तनाव की स्थिति ही पैदा न हो यह पुलिस प्रशासन एवं सरकार की जिम्मेदारी है पुलिस की सुविधाओं सहित उनके प्रति अधिकारियों के व्यवहार व ड्यूटी की समयावधि आदि को भी गंभीरता से लेना होगा। बनारस आने के अपने उद्देश्य पर अमिताभ ठाकुर ने कहा की आसपास के जिलों के नागरिक सुरक्षा के कार्यों का निरीक्षण करना मेरा उद्देश्य था। साथ ही उनके द्वारा कहा गया कि नागरिक सुरक्षा के दो हजार से अधिक स्वयं सेवक सहित 20 अधिकारी इलाहाबाद में कुंभ मेले में लगाए जाएंगे।
स्वयंसेवकों को दिया जा रहा है प्रशिक्षण
वहीं विशेष प्रशिक्षण कुंभ मेले के लिए 11 एनडीआरएफ सहित 150 स्वयंसेवकों को भी प्रदान किया जा रहा है। साथ ही इलाहाबाद में कहा गया कि यदि जरूरत पड़ी तो आसपास के और भी जिलों के स्वयंसेवक भेजे जाएंगे। इन सबके साथ ही युवाओं के लिए सिविल डिफेंस की वेबसाइट लॉन्च कर दी गई है व युवाओं को इसके सहारे जोड़ भी दिया जाएगा।
चंदौली जिले में खोला जाएगा नया कार्यलय
हम आपको बताते चले कि समस्त प्रदेश के वार्डन का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। चंदौली जिले में जल्द ही नया कार्यालय खोला जा रहा है जिसमें लखनऊ में स्वयंसेवकों के उच्च स्तरीय प्रशिक्षण संस्थान का प्रस्ताव प्रदेश सरकार को दिया गया है। वहीं नागरिक सुरक्षा विभाग के कर्मियों के प्रमोेशन का मामला सबसे ज्यादा मुख्य है एवं इसका जल्दी ही समाधान कराया जाएगा।
विवेचक को धमकाना नहीं था मतलब
शुक्रवार को आईजी अमिताभ ठाकुर पहले की अपेक्षा पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव द्वारा वर्ष 2015 में कॉल कर धमकाने के संबंध में दर्ज कराए गए मुकदमे को लेकर ज्यादा रूचि लेते नजर नहीं आए। वहीं उन्होंने बताया कि विवेचक के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री ने मान लिया है कि आवाज उनकी हे है पर उनके द्वारा वाइस सैंपल देने से इंकार कर दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि विवेचक को उनका मतलब धमकाने का नहीं बल्कि समझाने का था। अपनी रिपोर्ट कोर्ट को विवेचक विवेचना पूरी होने के बाद दे देगा। वहीं कोर्ट द्वारा मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।