ये है एक ऐसी जगह जहा 100 सालो से नहीं मनाया गया होली का त्यौहार

ये है एक ऐसी जगह जहा 100 सालो से नहीं मनाया गया होली का त्यौहार

जैसे-जैसे होली का त्यौहार नजदीक आ रहा है चारों तरफ माहौल हर्ष उल्लास से भर गया है पर देश में एक ऐसी भी जगह है, जहां पिछले 100 सालों से होली नहीं मनाई जा रही है। इसका कारण बहुत ही अचंभित करने वाला है गांव के एक व्यक्ति ने हमें बताया कि पुरानी मान्यता है, कि गांव के नियम को तोड़कर रंग गुलाल खेलने वालों पर माता का पहाड़ टूट पड़ता है।

जो लोग भी होली के कार्यक्रम भाग लेते है वह बीमार हो जाते हैं, उनके चेहरे व बदन पर दाने निकलने लगते हैं, और पूजा अनुष्ठान के बाद ही सब कुछ ठीक हो पाता है। इसलिए बुजुर्गों ने रंग गुलाल खेलने और होलिका दहन पर पाबंदी लगा दी, और इस नियम का गांव के बड़ो से लेकर बच्चों तक हर कोई पालन करता है। यह करना जरूरी भी है होली के अवसर पर हम माता की पूजा पाठ करते हैं। इन दिन घर-घर बड़ा और पूड़ी बनाया जाता है और व्यंजनों का लुफ्त उठाते हुए खुशियां मनाई जाती हैं।

इस वजह से नहीं खेली जाती है होली

यह अनोखी मान्यता ग्राम धमनागुड़ी में प्रचलित है, जो करतला ब्लॉक के पंचायत पठियापाली का आश्रित ग्राम है, इस गांव में 100 साल से भी ज्यादा समय से होलिका दहन किया गया है। इस मामले में गांव के एक वृद्ध ने बताया की एक बार गांव में जब होली खेली गयी तो गांव पे माता का क्रोध टूट पड़ा तभी से ना गांव में होली पे रंग खेला गया है, नाही होलिका दहन किया गया है।

गांव के लोगों ने बताया कि पूर्वजों के मुताबिक एक बार होली के दिन चौपाल में गाते समय अजीब घटना हुई, जिसमे गीत का आनंद ले रहे ग्रामीणों को महसूस हुआ कि कोई उनकी पिटाई कर रहा है। होली के मौके पर काफी शोर होता है, कुछ ऐसी ही स्थिति उस वक्त होली के दिन गांव में थे, इस पर माता क्रोधित हो गई और लोगो को सबक सिखाने के लिए उन्होंने लोगो पर डंडे बरसाए।

ऐसी बात गांव में फैल गई और कई लोग माता के इस प्रकोप से बीमार हो गए, कई लोगो के चेहरे पे दाने निकल आये। इसके बाद माता की शांति के लिए विधिवत पूजा – आराधना की गई, जिसके बाद जाकर मामला सही हुआ बस तभी से पूर्वजों ने होलिका दहन और होली के त्यौहार पर पाबंदी लगा दी।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.

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