डाटा चोरी मामले पर मार्क ज़ुकरबर्ग ने मांगी माफ़ी, पूर्व चुनावो में भी फेसबुक डाटा का हो चूका है उपयोग

डाटा चोरी मामले पर मार्क ज़ुकरबर्ग ने मांगी माफ़ी, पूर्व चुनावो में भी फेसबुक डाटा का हो चूका है उपयोग

भले ही तमाम राजनैतिक दल फेसबुक से डाटा चोरी और चुनावो दुरपयोग को लेकर इंकार कर रहे हो लेकिन भारत में उसकी सहयोगी कंपनी ओबीआइ के ग्राहको में भाजपा, कांग्रेस समेत जदयू भी शामिल है और यह सब खुद कंपनी के वेबसाइट पे दिख रहा है। हलाकि इस पुरे विवाद के बाद वेबसाइट को ससपेंड कर दिया गया है।

आपको बता दे कि कैंब्रिज एनालिटिका के ऊपर आरोप है की उसने ग्राहकों की सुचना चोरी करके चुनाव मतदान को प्रभावित करने की कोशिश की थी। यह कंपनी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव प्रचार में भी काम कर चुकी है। भारत में उसके सहयोगी दल के रूप में ओबीआइ कार्य करती है और वह भी राजनैतिक दलों को अपनी सेवाए देता है। हलाकि इस पुरे मामले पर ओबीआइ ने अपनी तरफ से तत्काल सफाई देते हुए कहा है कि वह नैतिकता में विश्वास करती है और कैंब्रिज एनालिटिका से उसके कोई बिजनेस सम्बन्ध नहीं हैं।

खुद फेसबुक संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने मांगी माफ़ी

पता चला है कि बड़ी ही फेसबुक पर से बड़ी आसानी से यूजर्स की निजी जानकारी निकाली जा सकती है। इस डाटा का कथित तौर पर एक पर्सनैलिटी क्विज के जरिए हासिल किया गया। जिसमें तीन लाख बीस हजार फेसबुक यूजर्स जिन्होंने इसमें हिस्सा लिया, उन्होंने अनजाने में ना केवल अपनी प्रोफाइल का बल्कि 160 दोस्तों की प्रोफाइल का भी एक्सेस दे दिया। इस खबर के सामने आने के बाद से फेसबुक को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और इस पुरे मामले में किरकिरी के बाद खुद फेसबुक के मालिक और संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने कैंब्रिज एनालिटिका मामले पर यूजर्स से माफ़ी मांगी है।

पूर्व चुनावो में भी फेसबुक डाटा का हो चूका है उपयोग

इस विषय में कैंब्रिज एनालिटिका के तर्ज़ पर भारत में काम करने वाली कम्पनी स्ट्रैटजिक कम्युनिकेशन लैब्रोटरीस ( एसएलसी ) संस्थापक अवनीश राय ने बताया कि, कैंब्रिज एनालिटिका के पूर्व सीईओ  अलेक्सेंडर निक्स ने उनसे कहा था कि वह राहुल गाँधी के लिए पांच लोकसभा क्षेत्रों से जुड़ा डाटा चाहते हैं, जिसमे अमेठी और रायबेरली के क्षेत्र भी शामिल थे।

अवनीश के मुताबिक इसके कुछ दिन बाद ही हमसे एक ब्रिटेन की एक एनआरआई लड़की मिलने आयी जिसने खुद को क्लाइंट बताया और कहा कि वह मूल रूप से गुजरात की रहने वाली है और जब मैंने उससे पूछताछ किया तो पता चला कि वह कांग्रेस को हराने के लिए आयी है। उसने मुझसे कांग्रेस के करप्सन की लिस्ट भी मांगी और इसके बाद ऐसे सवाल बनाये जो वोटर्स के माइंड को कोंग्रेस के खिलाफ करते थे, पूरी मामले की छानबीन करने पर पता चला की ब्रिटेन की इस लड़की को गुजरात के किसी कारोबारी ने पैसे दिए थे। इसके बाद हमने उस एनआरआई लड़की से डील करने से मना कर दिया था।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.