माता चंद्रघंटा के पवित्र विग्रह रूप को ध्यान में रखकर करें पूजा-अर्चना
वाराणसी। प्रथम शैलपुत्री द्वितीय ब्रह्मचारिणी तृतीय चंद्रघंटा। नवरात्रि के तीसरे दिन माता के शक्ति रूप माता चंद्रघंटा के दर्शन का विधान है। अनंतकाल से काशीवास करने वाली माता चंद्रघंटा के दर्शन को नवरात्रि में भक्तों का रेला सा लगा रहता है।
ऐसी मान्यता है कि माता चंद्रघंटा के दर्शन मात्र से ही सभी कष्टों का निवारण होता है और मां चंद्रघंटा का दर्शन शुद्ध मन और तन से करना चाहिए। माता के इस स्वरूप का दर्शन अत्यंत शांतिदायक और कल्याणकारी होता है।
माता के सर पर चन्द्रमा विराजमान है और मां के गले में घंटा सुशोभित होता है इसी कारण मां के इस शक्ति स्वरूप को चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है।
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