वाराणसी बाढ़ के बाद घाटों की सफाई में जुटा नमामि गंगा
वाराणसी। घाटों और मंदिरों की नगरी काशी में कई दिनों तक चेतावनी बिंदु से ऊपर बहने के बाद अब गंगा शांत हो गई हैं। कई दिनों तक मां गंगा का रौद्र रूप देखने के बाद अब काशी वासियों ने राहत की सांस ली है। घाटों के आस पास के इलाकों की स्थिति अब सामान्य होने लगी है। काशी के घाटों की सौंदर्यता विश्व भर में प्रसिद्ध है। मगर मां गंगा ने इन घाटों को जलमग्न कर लिया था। अब गंगा का जलस्तर घटने के बाद जब इन घाटों पर नजर डालते हैं तो हर तरफ बाढ़ के निशान देखने को मिल रहे हैं। गंगा की घाटों से वापसी के बाद घाटों पर रेत और बालू का अम्बार देखने को मिल रहा है। घाटों, सीढ़ियों और आस पास की गलियों को बालू और रेत ने ढक रखा है। मगर अब नमामि गंगे की टीम इन घाटों की सुंदरता को वापिस लाने में लग गए हैं। नमामि गंगे के सदस्य अब घाटों और उसके आसपास के इलाकों की सफाई में जुट गए हैं।
बीते शुक्रवार घाट पर चल रही सफाई के अवलोकन के दौरान नमामि गंगे के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि घाटों पर से मां गंगा का जलस्तर घटने के बाद घाटों पर मिट्टी जमा हो गयी है। उन्होंने कहा कि हम गंगा घाटों की सफाई में लग गए हैं और जल्द ही घाटों पर जमा मिट्टी से निजात मिल जाएगा। काशी के अस्सी घाट सहित 84 घाटों पर रोजाना हजारों की संख्या में पर्यटक मां गंगा के तट का आनंद लेने के लिए आते हैं। मगर घाटों पर जमा मिट्टी के चलते घाटों पर पर्यटकों को भी निराश लौटना पड़ रहा है। घाट पर आये पर्यटकों ने कहा कि अब पहले करे जैसे घाट पर आनंद नहीं आ रहा। इस स्थिति में घाटों की सौंदर्यता को वापिस लाने में जुटे नमामि गंगे के टीम से इन घाटों को जमा रेत से जल्द से जल्द निजात दिलाने की उम्मीद की जा रही है।
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