मूर्तियों के विसर्जन के लिए अभी तक नहीं हुई है पर्याप्त व्यवस्था
जौनपुर :नवरात्र पर्व को पाँच दिन बीत चुके है। दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन चार दिन बाद का 19 अक्टूबर को होगा। इसके बावजूद विसर्जन की मुकम्मल व्यवस्था प्रशासन नहीं कर पाया है। न तो मानक के अनुरूप कुंड ही तैयार किए गए हैं और न ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत विसर्जन की तैयारी है। गोमती नदी के किनारे जो कुंड बना है वो पूरी तरह से गन्दा है। नगरपालिका ने अभी तक पानी भी नहीं भरवाया है और न ही सेंथेटिक लेयर ही लगवाये हैं। इस बार जिले में 465 दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाना है।
हाईकोर्ट और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का स्पष्ट निर्देश
विसर्जन के लिए जो कुंड बनाए गए हैं। वह मानकों पर खरा नहीं उतर रहे हैं। हाईकोर्ट और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का स्पष्ट निर्देश है कि प्रशासन एक माह पहले पूजा समितियों से मिलकर स्थान चिह्नित कर उनकी घेराबंदी करेगा। कुंड में सिथेंटिक लेयर लगाए जाएंगे ताकि विसर्जन के बाद जो मूर्तियों से केमिकल निकलेंगे उन्हें पानी अवशोषित नहीं कर पाएंगे। इसे 48 घंटे बाद वहां से हटा दिया जाएगा। विसर्जन कुंड में चुने का पाउडर डालने का प्राविधान है।
प्रशासन ने डाला गलतियों पर पर्दा
यह भी निर्देश है कि किसी भी नये गड्ढे का प्रयोग विसर्जन के लिए नहीं होगा। अगर ऐसा कोई करता है तो प्रशासन इसकी जांच करेगा और उसके ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की जायेगी। फिलहाल जो भी हो अभी तक मानकों के अनुसार इसकी उचित व्यवस्था नहीं दिखयी पद रही है। पूजा समितियों को मिलाकर प्रशासन अपनी गलतियों पर पर्दा डालने में लगा हुआ है। ऐसे में आस्था के साथ खिलवाड़ हो रहा है।