वाराणसी में इस पेड़ में सिक्कों और कीलों में बसती है अतृप्त आत्माएं 

वाराणसी में इस पेड़ में सिक्कों और कीलों में बसती है अतृप्त आत्माएं 

वाराणसी। मोक्ष की नगरी काशी में जहां एक ओर लोग दूर दराज से आकर अंतिम संस्कार कर मृतक की आत्मा की शांति की कामना करते है वहीं काशी में एक ऐसा पेड़ भी है जिसमे अतृप्त आत्माएं बसती है। जी हां वाराणसी में पिशाच मोचन कुंड का पीपल का पेड़ इस बात का गवाह है और अपने अंदर न जाने कितने ही अतृप्त आत्माओं को समेटे हुआ है।

इस पीपल के पेड़ में अतृप्त आत्माओं का ठिकाना है जो उनकी तस्वीर से साथ देखने को मिलेगी। वैसे तो अतृप्त आत्माओं की शांति के लिए साल भर यहां लोग मृतक की तस्वीर के साथ सिक्कों को कील से इस पेड़ में ठोक देते है मगर पितृपक्ष के दौरान इस अतृप्त और भटकती हुयी आत्माओं की शांति के लिए त्रिपिण्डी श्राद्ध होता है। पितृपक्ष में किया जाने वाले त्रिपिण्डी श्राद्ध से इन अतृप्त आत्माओं को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

“न्यूज़ बकेट पत्रकारिता कर रहे छात्रों का एक छोटा सा समूह है, जो नियमित मनोरंजन गपशप के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डालने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. इसके अलावा विभिन्न त्योहारों और अनुष्ठानों में शामिल सौंदर्य, ज्ञान और अनुग्रह के ज्ञान का प्रसार करते हुए भारतीय समाज के लिए मूल्य का प्रसार करते हैं।”

हमसे खबरे साझा करने के लिए हमे पे लिखें. इसके अलावा आप हमसे व्‍हाट्सएप नंबर +91 9015240924 पर भी संपर्क कर सकते हैं।

Vikas Srivastava