महाराष्ट्र में प्लास्टिक प्रतिबंध, पकड़ाये जाने पर 25 हजार तक का जुर्माना और तीन माह कारावास
देश को प्रदूषण मुक्त बनाने का पहल महाराष्ट्र सरकार द्वारा किया गया। माया की नगरी मुंबई शहर में इसका कठोरता से पालन करने के लिए जुर्मान संग सजा का भी प्रावधान किया गया है। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा की प्लास्टिक बैन तभी कामयाब होगा जब इस कदम को व्यापारियों का सहयोग मिलेगा। हम प्लास्टिक की उपयोगिता के बारे में लोगों को बताना चाहते हैं। इसलिए हमने ऐसी प्लास्टिक को बैन किया है जो दोबारा उपयोग में नहीं लाई जा सकती।
कुछ प्लास्टिक सामने को इसके अंतर्गत निषेद नहीं किया गया।
महाराष्ट्र में शनिवार से प्लास्टिक के इस्तेमाल पर सरकार ने रोक लगी दी है। प्लास्टिक का उपयोग करते हुए अगर कोई पकड़ा गया तो उसपर 25 हजार तक का जुर्माना लग लग सकता है। अब प्रदेश में कोई भी प्लास्टिक का भंडारण, वितरण, बिक्रि और उत्पाटन नहीं कर सकेगा। पहली बार प्लास्टिक का इस्तेमाल करने पर 5 हजार का जुर्माना लग सकता है। वहीं, दूसरी बार में 10 हजार और अगर तीसरी बार इस्तेमाल करते पकड़े गए तो 25 हजार रुपए का जुर्माना और तीन महीने की जेल भी हो सकती है। राज्यसरकार ने 23 मार्च को प्लास्टिक के उत्पादन, इस्तेमाल, वितरण और भंडारण जैसे पॉलीबैग, प्लास्टिक के चम्मच, प्ल्सटिक बोटल, थर्माकोल पर बैन लगाना की अधिसूचना जारी की थी। प्लास्टिक व्यापारियों को बचे हुए स्टॉक को खत्म करने के लिए तीन महीने का समय दिया था। राज्य पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने दावा किया 80 फीसदी प्लास्टीक का निर्माण गुजरात में होता है। अगर दूसरे राज्य से कोई प्लास्टिक यहां लाते हुए पकड़ा जाता है तो उसे तीन महीने जेल की सजा हो सकती है।
प्लास्टिक के इन सामान पर मिली राहत
टेलिविजन, फ्रिज, कम्प्यूटर की पैकेजिंग के लिए उपयोग में लिए जाने वाला थर्माकोल, रेनकोट, अनाज के भंडारण में इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक पर सरकार ने बैन नहीं लगाया है।
सौंजन्य: दैनिक भास्कर