मारवाड़ी अस्पताल घोटालेबाजों और दान का पैसा डकारने वालों का अड्डा है: पूर्व सांसद राजेश मिश्रा

मारवाड़ी अस्पताल घोटालेबाजों और दान का पैसा डकारने वालों का अड्डा है: पूर्व सांसद राजेश मिश्रा

वाराणसी में आज पराडकर भवन मे प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व कांग्रेस सांसद राजेश मिश्रा ने मिडिया से बात करते हुए बताया कि मारवाड़ी अस्पताल घोटालेबाजो और दान का पैसा डकारने वालो का अड्डा बन गया है। अस्पताल के ट्रस्टी और प्रबन्धन के जिम्मेदारों ने चश्मा फ्रेम एवं ग्लास की खरीद बिक्री मे भारी हेर फेर कर बड़े पैमाने पर धन का घोटाला किया है।राजेश मिश्रा ने बताया की नगर के इस 100 वर्ष पुराने प्रतिष्ठित अस्पताल के साथ स्व: लाल बहादुर शास्त्री व स्व: कमलापति त्रिपाठी जी का नाम जुड़ा होने और सांसद रहते हुए।अपनी सांसद निधि से सहयोग देकर स्वयं मेरा नाम भी अस्पताल से जुड़ा है।ऐसे में हम अपनी जिम्मेदारी भी निभाएंगे।अस्पताल को भ्रस्टाचारीयों और घोटालेबाजो का अड्डा नही बनने देंगे। राजेश मिश्रा ने कहा की मै खुद मुख्यमंत्री से निवेदन करूंगा की वह मारवाड़ी अस्पताल मे हुए घोटालें की निष्पक्ष जांच करवाएं।

मारवाड़ी अस्पताल द्वारा चलाए जा रहे, बिना लाईसेंस की अवैध दवा फैक्ट्री को किया गया था सील

4 जनवरी 2018 को लिखित शिकायत पर क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी वाराणसी ने मारवाड़ी अस्पताल द्वारा चलाए जा रहे। बिना लाइसेंस की अवैध दवा फैक्ट्री को सील कर दिया था जिसके बाद क्षेत्रीय आयुर्वेद अधिकारी बद्री प्रसाद पटेल द्वारा निदेशक आयुर्वेद से बार-बार अस्पताल प्रबंधन पर आवश्यक कानूनी कार्यवाही करने का निर्देश जारी करने की मांग करने के बावजूद निदेशक आयुर्वेद उत्तर प्रदेश ने दोषियों को बचाने के लिए किसी अधिकारी से गलत आख्या लगवाकर 24 मार्च 2018 को अस्पताल की अवैध दवा निर्माण शाला का सील खुलवा दिया।

सीएमओ का मौन रहना देता है खतरनाक संकेत,मरीजों को पड़ता है झेलना

अस्पताल की निरीक्षण और देखरेख के जिम्मेदार जिले के सीएमओ का मौन खतरनाक संकेत देता है। और वह अपनी जिम्मेदारी से क्यों भागे। 10 जनवरी 2018 को अस्पताल में गड़बड़ी मरीजों के साथ लापरवाही और प्रशिक्षित नर्स कंपाउंडर नहीं होने की लिखित शिकायत एवं डॉक्टरों को मरीजों से वसूले शुल्क से अधिक रूप से कमीशन देने की लिखित शिकायत के बावजूद भी सीएमओ की लापरवाही कुछ संकेत देती है।जिले के सीएमओ द्वारा शिकायत अनसुना करने का नतीजा ही था। जो दिनांक 16 जून 2018 को मारवाड़ी अस्पताल में मरीजों की आंख के ऑपरेशन में गडबडी की घटना हुई थी।

गरीब ग्रामीण की आखों से किया जाता है, खिलवाड़

मारवाड़ी अस्पताल द्वारा मेहंदीगंज राजा तालाब में जो नेत्रप्रभा के नाम से अस्पताल और क्लीनिक चलाया जाता है। वहां बिना डिग्री वाले व्यक्ति को डॉक्टर बनाकर चिकित्सक करके गरीब ग्रामीणों की आंखों से खिलवाड़ किया जाता है। इस प्रकरण की भी शिकायत सीएमओ से की गई थी परंतु सीएमओ ने कोई कार्यवाही नहीं किया जबकि बिना डिग्री वाले झोलाछाप डॉक्टर और उससे मारवाड़ी अस्पताल द्वारा चिकित्सा कार्य डॉक्टर के रूप में करवाना बहुत बड़ी लापरवाही है।

किसी भी कर्मचारी को बर्खास्त कर देना, पदाधिकारियों के लिए है आम बात

मारवाड़ी अस्पताल के पदाधिकारियों के दुर्व्यवहार की भी चर्चा बहुत है। विष्णु पचेरीवाल के साथ 18 दिसंबर 2017 को धक्का-मुक्की कर मोबाइल छीन ना डाटा उड़ाना जो एक निंदनीय घटना है। कहीं कर्मचारियों को मारना पीटना एवं मनमाना आर्थिक दंड लगाकर पैसा काटना या अपनी सनक में किसी भी कर्मचारी को नौकरी से बर्खास्त कर देना वहां के पदाधिकारियों के लिए आम बात है।

डाक्टरों को कमीशन के रुप में मिलती है, मोटी रकम

चैरिटी की स्थिति यह है,कि भीतर-ही-भीतर अस्पताल को नर्सिंग होम बना दिया गया है अस्पताल का फ्री वार्ड लगभग 90% सदा खाली रहता है। पेड वार्ड के रूम, केबिन,बेड चार्ज, पर डॉक्टरों को कट (कमीशन) के रूप में मोटी रकम दी जाती है और गरीब रोगियों का शोषण एवं धन की लूट की जाती है यह सब किसके संरक्षण में किया जाता है और इसका जिम्मेदार कौन है इसकी जांच मुख्यमंत्री को करना चाहिए और दोषी पाए जाने वालों पर सख्त से सख्त कार्यवाही करनी चाहिए

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.

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