क्या है PM-10 और PM-2.5, कैसे करता है प्रभावित ?

क्या है PM-10 और PM-2.5, कैसे करता है प्रभावित ?

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक PM यानि पार्टिकुलेट मेटर वातावरण में मौजूद ठोस कणों और तरल बूंदों का मिश्रण है जो कि अत्यंत सूक्ष्म होते है और इन्हें इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप के द्वारा ही देखा जा सकता है। 

PM-10 और PM-2.5 की मात्रा बढ़ने का सबसे बड़ा कारण लगातार हो रहे कंस्ट्रक्शंस,जलाये जाने वाले कूड़े और हवा में मौजूद धूल कण है जिन्हे सामान्य आखों से नहीं देखा जा सकता है। 

PM-10 की मात्रा बढ़ जाने के कारण वातावरण में सांस लेने में काफी दिक्कत होती है जिससे गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ सकता है। PM-10 की मात्रा 100 और PM-2.5 की मात्रा 60 होने पर सांस लेने में सुरक्षित माना जाता है मगर इनकी मात्रा इससे ज्यादा हो तो ये जानलेवा साबित हो सकती है। 

वैसे तो PM की मात्रा बढ़ने से सभी उम्र के लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है मगर बच्चों और बुजुर्गों को इससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दिल्ली के साथ-साथ आस पास के क्षेत्रों में PM-10 और PM-2.5 की मात्रा बढ़ने से सांस लेना मुश्किल हो गया है। 

पार्टिकुलेट मेटर की मात्रा में इजाफा होने से लोगों को न सिर्फ परेशानियां हो रही है बल्कि सांस की गंभीर बीमारियां भी बाहे पसारे लोगों का इंतजार कर रही है। जिन लोगों को दमे या सांस की समस्या है उन्हें PM के खतरे से बचने के लिए सड़कों पर निकलते समय लगातार मॉस्क का इस्तेमाल करना चाहिए।  

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Vikas Srivastava

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