भारतीय रेलवे में सुधरेगा खाने की गुणवत्ता, घटेगी मात्रा

भारतीय रेलवे में सुधरेगा खाने की गुणवत्ता, घटेगी मात्रा

ट्रेनों में मिलने वाले घटिया किस्म के खाने को लेकर आए दिन आने वाली शिकायतों को देखते हुए अब रेलवे प्रशासन ने इसमें सुधार के लिए बड़ा कदम उठाया है। ट्रेनों में यात्रा के दौरान अब आपकों को खाने की मात्रा तो कम मिलेगी, लेकिन उसकी गुणवत्ता बेहतर होगी।

रेलवे में घटेगी खाने की मात्रा, गुणवत्ता में होगा सुधार

रेलवे ने खाने की शिकायतों को कम करने के लिए यह निर्णय किया है। नए तरह का ‘क्वालिटी खाना’ सबसे पहले राजधानी और शताब्दी जैसी ट्रेन में मिलेगा। रेलवे इसके लिए खाने की मात्रा 150 ग्राम घटाएगा। रेलवे की केटरिंग कंपनी आईअारसीटीसी ने ये नया प्रस्ताव तैयार किया है। इसके तहत सूप, ब्रेडस्टिक, बटर और सैंडविच को मैन्यु से हटाया जाएगा। पूरा खाना देने के बजाय यात्रियों को वेज और नॉन वेज चावल के कॉम्बो दिए जाएंगे। केटरिंग एक्सपर्ट की एक कमेटी ने आईअारसीटीसी को बताया कि भारतीय रेलवे 900 ग्राम खाना देता है जबकि भारतीयों की सामान्य डाइट 750 ग्राम है।

रेलवे में मिलने वाला खाना नियमों के मुताबिक नहीं है

वर्तमान में आईअारसीटीसी को ऑनबोर्ड केटरिंग पर घाटा हो रहा है। एक प्लेट पर उसे 112 रुपए मिलते हैं, लेकिन रेलवे की इस पर 150 रुपए प्रति प्लेट लागत आती है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बड़ी मात्रा में खाना कम कीमत पर देने के कारण उसकी क्वालिटी बनाए रखना मुश्किल है। इस तरह के कदमों से खाने की क्वालिटी बनी रहेगी। 2017 की सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया था ट्रेन में मिलने वाला खाना नियमों के मुताबिक नहीं है। लागत घटाने के लिए दाल की क्वालिटी 150 ग्राम से घटाकर 100 ग्राम करेगा। इसके नॉन वेज यात्रियों को चिकन पीस के बदले अलावा 120 ग्राम बोनलेस चिकन ग्रेवी दी जाएगी। इस बारे में एक प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा है। एक बार मंजूरी मिलने के बाद इसे पहले 27 राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में लागू किया जाएगा।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.