वाराणसी में स्मार्ट स्कूल में प्रवेश प्रक्रिया की पारदर्शिता पर उठे सवाल, मौके पर पहुंचे अभिभावकों ने किया हंगामा 

वाराणसी में स्मार्ट स्कूल में प्रवेश प्रक्रिया की पारदर्शिता पर उठे सवाल, मौके पर पहुंचे अभिभावकों ने किया हंगामा 

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र स्थित मछोदरी स्मार्ट स्कूल के बन जाने पर बनारस के लोगों में एक उम्मीद जगी थी कि उनके बच्चे इस विद्यालय में पढ़कर अपने भविष्य संवार सकेंगे। लेकिन उनके सपने को पलीता तब लगा जब प्रवेश प्रक्रिया की पोल खुली।

पहले तो एडमिशन फॉर्म के नाम पर 200 रुपये से 250 रुपये वसूले गए, उसके बाद 218 सीट के सापेक्ष 18 सौ से अधिक लोगों के फॉर्म जमा कराए गए। उन्हें आश्वासन दिया गया कि उनके बच्चों की प्रवेश प्रक्रिया बेहद पारदर्शी तरीके से की जाएगी। मामला प्रधानमंत्री से जुड़ा है, सब को भरोसा था कि प्रवेश प्रक्रिया एकदम ठीक होगी। मगर तिथियों में कई बदलाव किया गया।

आखिरकार 26 अगस्त को अभिभावकों को जानकारी दी गई कि लॉटरी सिस्टम से उनके बच्चों के प्रवेश होने हैं। सभी अभिभावक परिसर में एकत्रित हुए, कुछ देर इकट्ठा होने के बाद अंदर से जानकारी दी गई कि यह तिथि रद्द की जाती है क्योंकि भीड़ बहुत ज्यादा है। इस बात को सुनते ही सभी अभिभावक उग्र हो गए। वो अपनी मांग दोहराते रहे कि हमें बार-बार दौड़ाया जा रहा है, तारीख पर तारीख दी जा रही है लेकिन प्रवेश के नाम पर कुछ भी नहीं।

अभिभावकों ने आरोप लगाया कि पूरी प्रवेश प्रक्रिया किसी खास गिरोह के इशारे पर पैसे वालों के हवाले कर दी गई है ताकि वह अपने परिचित व पैसे देने वालों के बच्चों का प्रवेश सुनिश्चित कर सकें। इस हंगामे पर खंड शिक्षा अधिकारी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह मामला उच्च अधिकारियों से जुड़ा है इसलिए एक बार पुनः समीक्षा करके नए तिथि का ऐलान किया जाएगा।

क्या है स्कूल की खासियत

दरअसल बीते 15 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मछोदरी स्थित नगर निगम के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का उद्घाटन किया था। स्मार्ट सिटी के तहत के करीब 14.21 करोड़ की लागत से जनपद का यह पहला स्मार्ट विद्यालय बनकर तैयार हुआ है। लगभग 1.67 एकड़ में बने तीन मंजिले नगर निगम के इस विद्यालय का काम पूरा हुआ तो पीएम ने देश को समर्पित किया। इस विद्यालय में स्मार्ट क्लास रूम, ऑडिटोरियम, कंप्यूटर लैब, स्किल डेवलपमेंट सेंटर, अग्निशमन, सीसीटीवी कैमरा, शुद्ध पेयजल सहित अन्य आधुनिक सुविधाओं से लैस है। जनपद का यह पहला सरकारी विद्यालय है, जिसमें लिफ्ट की भी सुविधा है।

क्या है स्कूल का इतिहास

मच्छोदरी स्थित नगर निगम के इस विद्यालय की स्थापना वर्ष 1932 में की गई थी। वर्ष 1966-67 में इस विद्यालय को हाईस्कूल तक उच्चीकृत किया गया। प्राचीन विद्यालय होने के कारण इसकी भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच गई थी। इसे देखते हुए स्मार्ट सिटी के तहत इसके जीर्णोद्धार की योजना बनी। विद्यालय भवन को ध्वस्त कर तीन मार्च 2019 में नए भवन की आधारशिला रखी गई। जुलाई 2021 में इसका उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री ने किया।


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Vikas Srivastava

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