रेलवे ने दो ट्रेनों के तक टक्कर की बनाई योजना, खुद रेलमंत्री ट्रैन में रहेंगे सवार, जानें क्या है पूरा मामला ?
आज तेलंगाना के सिकंदराबाद में दो ट्रेनों की टक्कर होने वाली है। आप सोच रहे होंगे कि अक्सर ट्रेन दुर्घटना होने के बाद खबर मिलती है मगर यहां ट्रेन के टक्कर की खबर घटना से पहले ही कैसे मिल गयी। आपको बता दें कि यह ट्रेनों की अनूठी टक्कर होगी जिसकी पटकथा पहले ही लिख दी गयी है। पूरी गति के साथ इन दोनों ट्रेनों की टक्कर कराने की योजना खुद रेलवे विभाग ने बनाई है। दरअसल देशी तकनीक ‘कवच’ के प्रशिक्षण के लिए इस टक्कर की पटकथा लिखी गयी है। दावा यह है कि इस तकनीक से दो ट्रेनों की कभी टक्कर नहीं होगी। ट्रेन की सुरक्षा को लेकर यह दुनिया की सबसे सस्ती तकनीक है।
इस प्रशिक्षण में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव खुद शामिल होने। टकराने वाली दोनों ट्रेनों में से एक में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव खुद बैठेंगे वहीं दूसरी ट्रेन में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन समेत अन्य बड़े अधिकारी होंगे। ‘जीरो ट्रेन एक्सीडेंट’ के लक्ष्य से इस तकनीक का विकास किया गया है। स्वचलित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली से विकसित इस तकनीक में एक ट्रेन को स्वत: रोकने की विशेषता है। इस प्रणाली के अंतर्गत जब डिजिटल सिस्टम को रेड सिग्नल या फिर किसी अन्य खराबी जैसी कोई मैन्युअल गलती दिखाई देती है, तो इस तकनीक के माध्यम से संबंधित मार्ग से गुजरने वाली ट्रेन अपने आप रुक जाती है। इसके संचालन में खर्च की बात करें तो 50 लाख रुपये प्रति किलोमीटर है।
आपको ज्ञात करा दें कि बजट में इस तकनीक की घोषणा की गई थी। इसके अंतर्गत दो हजार किलोमीटर के रेलवे नेटवर्क को ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत कवच तकनीक के दायरे में लाया जाएगा। दिल्ली-मुंबई और दिल्ली हावड़ा कॉरिडोर पर इस तकनीक के लागू करने की योजना बनायी गयी है। इस रूट की लंबाई करीब 3000 किलोमीटर है।
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