बुद्धिहीन, विवेक शून्य, मर्यादा शून्य और पढ़े लिखे मुर्ख है अखिलेश यादव : स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती
वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने पर टिप्पणी करने वाले अखिलेश यादव को श्री काशी सुमेरु पीठ न्यास के संत शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने आईना दिखाने का काम किया। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शिवलिंग के मिलने पर कहा कि हमारे हिंदू धर्म में कहीं भी पत्थर रख दो, एक लाल झंडा रख दो पीपल के पेड़ के नीचे और मंदिर बन गया। इस पर अब काशी के संतों में रोष देखा जा रहा है। अखिलेश यादव के बयान पर श्री काशी सुमेरु पीठ न्यास के संत शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि अखिलेश यादव की बुद्धि विकृत हो गई है।
उन्होंने कहा कि कहीं सिंदूर लगा देने और झंडा रख देने से मंदिर नहीं बनता। झंडा हमारे देश की आन बान और शान है। मंदिर वहीं होता है जहां विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा करके भगवान को स्थापित किया जाता है। उन्होंने कहा कि ये लोग बुद्धिहीन, विवेक शून्य, मर्यादा शून्य और पढ़े लिखे मुर्ख है। उन्होंने कहा कि इन्होंने अपनी जाति धर्म को तिलांजलि दे दिया है। साथ ही कहा कि भारत के 30 प्रतिशत नेता कन्वर्टेट हो गए है और हिंदू के नाम पर समाज को भर्मित करने का काम करते है।
ऐसी स्थिति मे यदि ये ऐसे ही अनर्गल प्रलाप करते है तो हिंदू समाज से इनका दाना पानी बंद कर देना चाहिए। साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत के द्वारा जो बयान दिया गया और मंदिर को तोड़ दिया गया, ऐसे लोग हिंदू के नाम पर कलंक है। इन्हें मुख्यमंत्री पद पर नहीं बल्कि इन्हे जेल में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म और सनातन धर्म का अपमान करना संविधान का अपमान है का स्थान जेल में ही होना चाहिए।
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