जानिए ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे की पूरी कहानी 

जानिए ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे की पूरी कहानी 

वाराणसी। काफी वाद विवाद के बीच आखिरकार ज्ञानवापी मस्जिद परिसर और मां श्रृंगार गौरी का सर्वे संपन्न हुआ। ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे को लेकर वादिनी राखी सिंह के अधिवक्ता शिवम गौड़ ने बताया कि वाद दायर करने के बाद 3 दिन तक चली बहस चली, जिसके बाद कोर्ट ने 8 अप्रैल को यह फैसला किया कि सर्वे का काम शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस कमीशन के विरोध में प्रतिवादी पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ अपना रुख किया। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही और आवश्यक ठहराते हुए कमीशन की बात कही। 

अधिवक्ता शिवम गौड़ ने बताया कि इस कमीशन के मामले को लेकर 18 अप्रैल को शासन और प्रशासन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक दरखास्त लगाई की कोर्ट ये स्पष्ट करें कि रेड जोन के अंदर जाना संभव है, उसका एडवोकेट कमीशन किया जाएगा या नहीं? इस मामले में 19 अप्रैल को सभी पक्षों के द्वारा की गई बहस के बाद 26 अप्रैल को इलाहाबाद न्यायालय में आदेश दिया कि रेड जोन के अंदर भी जाकर पूरे कमीशन की कार्यवाही को सुनिश्चित कराया जाए। 

शिवम गौड़ ने बताया कि 26 अप्रैल को आए आदेश का प्रतिपादन करते हुए जब 6 मई को कमीशन का कार्य शुरू हुआ तो प्रतिवादी पक्ष ने विवाद खड़ा किया और आरोप लगाया कि आदेश में कहीं भी बैरिकेडिंग शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है, इसलिए मस्जिद परिसर मैं कमीशन की कार्यवाही नहीं होगी। उन्होंने बताया कि 7 मई को वाराणसी के अदालत में कोर्ट कमिश्नर के ऊपर एक आरोप लगाते हुए याचिका डाली गई और उन्हें बदलने की मांग की गई।

आखिरकार 9 मई को बहस शुरू हुई और वादी पक्ष के द्वारा एक लिखित मांग की गई थी शासन और प्रशासन के द्वारा जो कमियां सामने आ रही है उसको लेकर एक आदेश दिया जाए ताकि कमीशन का काम सही तरीके से पूरा हो सके। इसको लेकर जब न्यायालय में बहस शुरू हुई तो प्रतिवादी पक्ष ने समय मांगा फिर उसके बाद बहस के लिए 10 मई की तिथि मुकर्रर की गई। जब 10 मई को दोपहर 2:00 बजे बहस शुरू हुई और यह बहस 2 दिन तक चली। आखिरकार लंबी बहस के बाद न्यायालय से का आदेश आता है कमीशन के दौरान कोई भी ताला आए तो उसे खोला जाए या तोड़कर कमीशन की कार्रवाई पूरी की जाए। उसके बाद जब 14 मई को कमीशन की कार्रवाई दोबारा शुरू हुई तो चीजें साफ होने लगी। 

इसके बाद प्रतिवादी पक्ष के द्वारा कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटाए जाने की मांग मानते हुए वाराणसी के न्यायालय ने उन्हें कोर्ट कमिश्नर के पद से हटा दिया और विशेष कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह को रिपोर्ट सौपने को कहा। हालांकि सर्वे की रिपोर्ट को पेश करने के लिए 2 दिन का समय मांगा गया है उसके बाद की चींजे और साफ हो जाएंगी। 

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Vikas Srivastava