चालक की सूझबूझ से टला हादसा, गेटमैन की लापरवाही से जा सकती थी स्कूली बच्चों की जान
वाराणसी: शुक्रवार को वाराणसी में रेलवे क्रासिंग पर हुआ एक बड़ा हादसा रेल परिचालन में संरक्षा को लेकर एक तरफ जहां रेल मंत्री समेत समस्त अधिकारी करते है बड़े – बड़े दावे करते दिखाई पड़ते है वहीं इस हादसे ने जमीनी हकीकत की सारी सच्चाई सबके सामने ला कर रख दी है। कुशीनगर और भदोही जैसा स्कूल वाहन हादसा होते – होते बच गया।
शुक्रवार की दोपहर बड़ागांव थाना के अहरक स्थित रेलवे गेट नंबर 13 सी पर गेटमैन की लापरवाही के चलते दून एक्सप्रेस की चपेट में एक स्कूल के बच्चों को ले जा रही बोलेरो आ गई। अच्छा तो यह हुआ कि रेल इंजन में फंसी बोलेरो पोल से जा टकराई और अलग हो गई। फिर भी इस घटना में आधा दर्जन बच्चे जख्मी हो गए।
कोने पर बने मकान की वजह से ट्रेन को न देख सका चालक
हुआ यह कि जैसे ही रेलवे क्रासिंग खुली वैसे ही दोनों तरफ से एक-एक बोलेरो आ रही थी। दूसरी ओर से आ रही बोलेरो ने ट्रैन को आते हुए देख लिया जिस कारण उसने जल्दी से क्रासिंग पार कर लिया पर बोलेरो का चालक जो कि स्कूली बच्चों को लेकर आ रहा था क्रासिंग के कोने पर बने हुए मकान की वजह से चली आ रही ट्रेन को न देख सका। ट्रेन उसको तब दिखाई पड़ी जब वह बूम के पास जा पहुंचा। कृपा शंकर गाड़ी चालक ने तभी ब्रेक लगाया एवं बैक गेयर में गाड़ी को डालकर पीछे की तरफ करने लगा और तभी वह उस इंडिगो से टकरा गया जो की उसके पीछे खड़ी थी। उसी दौरान गेट मैन क्रासिंग को बंद करने लग गया एवं तभी वह उस ट्रेन से टक्करा गया।
रेलवे की व्यवस्था को लेकर लोगों में है गुस्सा
स्कूली बोलेरो जिसमें की बच्चे सवार थे जब रेलवे क्रासिंग पर ट्रेन से टकराई उस वक्त बच्चों की आंखों में डर साफ नजर आ रहा था। इस खतरनाक टक्कर के बाद अनुष्का, अनुराग एवं रोहित बेहोश हो गए थे। उस घटना को वह घर पहुंचने के बाद भी भूल नहीं प् रहे थे। अनुष्का जो की कक्षा छह की छात्रा है इस घटना के बाद बहुत डर गई है उसके सर में चोट लगी है। वह जैसे ही इस घटना के बारे में कुछ बताती है अचानक ही चुप हो जाती है। ठीक ऐसी ही स्थिति और भी कई बच्चों की है। एक तरफ बच्चों के परिवारवालों में अपने बच्चों के सही-सलामत होने की खुशी है वही दूसरी तरफ उनमें रेलवे की व्यवस्था को लेकर गुस्सा भी व्यापत है।
स्थानीय लोगों ने की आरपीएफ इंस्पेक्टर से शिकायत
ट्रेन से बोलेरो के टकरा जाने के इस हादसे के बाद बच्चे जो की सही – सलामत बच गए है, उन बच्चो के घरो में खूब भीड़ – भाड़ दिखाई दी। महिलाएं जहा बच्चो को लाड-प्यार करते नजर आयी वही आस – पड़ोस के लोग सहित रिश्तेदार भी बच्चो का हाल-चाल लेने जा पहुंचे। इस हादसे के बाद से ही गेटमैन को लेकर ग्रामीणों में बहुत गुस्सा नजर आया। गेट मैन पर कई नशा लेने का आरोप लगाया गया जिनमें गांजा पीने सहित अन्य नशा भी शामिल रहा। असिस्टेंट कमांडेंट बीके सिंह और आरपीएफ इंस्पेक्टर अनूप सिन्हा जो की मौके पर पहुंचे थे उनसे भी इस बात की शिकायत स्थानीय लोगों द्वारा की गयी।
गेट मैन के मुँह से दुर्गन्ध आने का शक होने की वजह से उसके केबिन की तलाशी कराई गई। तो कुछ चीलमें मौके से बरामद कर ली गयी है। गेटमैन विंधेश्वरी मिश्रा मामले के संबंध में निलंबित कर दिया गया है। साथ ही जांच टीम का भी गठन कर दिया गया है।
रेलवे क्रासिंग संख्या 13 सी कई गांव में हादसों के लिए कुख्यात
हम आपको बताते चले कि रेलवे क्रासिंग संख्या 13 सी कई गांव में हादसों के लिए कुख्यात है। हाल यह रहा कि स्वयं के सावधानी व रिस्क पर यात्री इस गेट को पार करते रहे हैं।जब मौका मुआयना कर रहे थे एडीआरएम एवं स्टेशन निदेशक तभी अपने आप बूम अचानक गिरने लगा। फिर बूम के नीचे खड़े लोगों को लोगों ने शोर मचाकर हटाया। इतना होना ही था की अधिकारियों के सामने स्थानीय लोगों ने शिकायतो की लाइन लगा दी।
सिर्फ इतना ही नहीं इन सबके साथ स्कूली बच्चों को लाने ले जाने वाली इस बोलेरो के कागजातों की जांच भी कराई जाएगी। साथ ही इसकी परमट थी या नहीं और 11 बच्चों को बैठाने के मामले की भी जांच की जाएगी।