साड़ी के पक्ष में सब्सयाची, डिज़ाइनर मसाबा ने दिया ऐसा जवाब
आधुनिक भारतीय महिलाओं द्वारा साडी न पहनने आने की शिकायत को सब्सयाची मुखर्जी ने गंभीरता से लिया है उन्होंने कहा है कि अगर भारतीय महिलाओं को साड़ी बांधने नहीं आती तो उन्हें शर्म आनी चाहिए साडी भारतीय सभ्यता का प्रतीक है और भारतीयों को इसे भूलना नहीं चाहिए सब्यसाची ने कहा था “अगर कोई भारतीय महिला या लड़की मुझसे कहे कि उसे साड़ी पहननी नहीं आती तो मैं कहूंगा कि उन्हें शर्म आनी चाहिए।
यह आपकी संस्कृति की पहचान है और इसके लिए आपको आगे बढ़कर आवाज उठानी चाहिए अपनी संस्कृति को जानिए, समझिये और आगे बढ़िए उन्होंने कहा की यह भारतीय पोशाक सबसे खूबसूरत पोशाक है यह भारतीय महिलाओं की पहचान है इसे पहनना कोई मुश्किल काम नहीं है दुनिया भर में इसकी तारीफ़ होती है।
इस पर डिजाइनर मसाबा गुप्ता ने उन पर निशाना साधते हुए कहा- क्या कोई भी इस पर बात कर सकता है कि औरतों को क्या पहनना चाहिए, क्या खाना चाहिए, क्या पीना चाहिए। प्लीज हमें अकेला छोड़ दो हमारी फटी हुई जीन्स और बीयर के साथ सब्सयाची ने ट्वीट करते हुए कहा था की यदि इंडियन वीमेन को साड़ी पहननी नहीं आती तो उन्हें शर्म करनी चाहिए।
इस पर मसाबा गुप्ता ने उनपर कमेंट करते हुए कहा कि हमे छोड़ दो हमारी फटी हुई जीन्स और बियर के साथ आपको हमे यह बताने का अधिकार नहीं है की हमे क्या पहनना चाहिए और क्या नहीं इसके साथ ही उन्होंने कुछ दिनों पहले गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के उस बयान का भी जवाब दिया, जिसमें उन्होंने लड़कियों के बियर पीने पर आपत्ति जताई थी।
कौन हैं सब्सयाची मुखर्जी
– 43 साल के सब्यसाची कोलकाता बेस्ड फैशन डिजाइनर हैं, जो लंबे समय से बॉलीवुड में एक्टिव हैं।
– रानी मुखर्जी, श्रीदेवी, तब्बू, शबाना आजमी, ऐश्वर्या राय, अनुष्का शर्मा, दीपिका पादुकोण, श्रद्धा कपूर और करीना कपूर सहित कई बॉलीवुड सेलेब्स सब्यसाची के क्लाइंट हैं।
– उन्होंने बातचीत में कहा कि आप दीपिका पादुकोण को लीजिये वे जहा भी जाती है साड़ी पहन कर जाती हैं साड़ी की तारीफ़ करते हुए सब्यसाची ने कहा कि साड़ी ऐसी पोशाक है, जिसे पहनकर युद्ध भी लड़े गए हैं महारानी लक्ष्मीबाई की पोशाक साडी ही थी।
– उन्होंने पुराने जमाने की महिलाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि दादी और मांएं कभी साड़ी ही पहना करती थीं वे इसे पहनकर सो जाती थीं और सुबह जब उठती थीं तो इसमें एक भी सिलवट नजर नहीं आती थी।