श्रमिक और मजदूरों को बसों से भेजा जा रहा उनके गृह जनपद
वाराणसी। कोरोना के कारण लगे इस देशव्यापी लॉक डाउन से सबसे ज्यादा नुकसान गैर राज्यों और गैर जनपदों में काम करने वाले गरीब श्रमिकों और मजदूरों को हुआ है।
आपदा की इस घड़ी में हजारों किमी के सफर पर इन श्रमिकों ने पैदल ही चलने का फैसला लिया। अब तो न पैसा रहा और न ही नौकरी ऐसी स्थिति और पैसों के अभाव में ये श्रमिक किसी तरह से अपने घर वापस पहुंचने के लिए बेताब है।
कुछ जगहों पर कुछ श्रमिकों की सड़क हादसे में मौत होने के बाद अब राज्य सरकारें नींद से जागी है और मजदूरों को बसों और ट्रेनों के माध्यम से वापस उनके घर भेजने का काम कर रही है।
ऐसे में पीएम के संसदीय क्षेत्र से भी बाहर के राज्यों से वाराणसी पहुंचे लोगों को उनके गृह जनपद भेजने की व्यवस्था की गई है।
वाराणसी के चौबेपुर थाना अंतर्गत संदाहा स्थान से इन मजदूरों को उनके घर भेजा जा रहा है। बसों के माध्यम से लगातार श्रमिकों और मजदूरों को भेजने की व्यवस्था की गई है।
संदाहा में एक स्थान पर इन मजदूरों की बाकायदा इंट्री की जा रही है कि उन्हें कहा जाना है। दूर दराज से आये इन मजदूरों को खाने पीने की व्यवस्था भी दी गयी है।
बदहाली की मार झेल रहे मजदूरों ने बताया कि वो किसी तरह से वाराणसी पहुंचे है और अब उन्हें यहां से बसों के माध्यम से घर भेजा जा रहा है।
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