वाराणसी डॉक्टर की लापरवाही से हुआ 6 लोगों की जिंदगी में अंधेरा
वाराणसी के मारवाड़ी अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही के कारण छह लोगों की जिंदगी में छा गया अंधेरा।
हम आपको बताते चले कि हुआ यू कि डॉक्टर की लापरवाही से छह मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई। जब मरीज के परिवार वालों ने हंगामा किया तो मौके से डॉक्टर संग स्टाफ भी रफूचक्कर हो गए। शाम से शुरू हंगामा देर रात तक चलता रहा जब पुलिस मौके पर आई तब जाकर अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों के इलाज का आश्वासन दिया।
डीएम ने एडीएम सिटी को दो सदस्यीय डॉक्टरों की टीम के साथ मामले की सूचना मिलते ही जांच के लिए भेजा। पीड़ितों ने बताया कि मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए उन्हें 12 जून को भर्ती किया गया था। डॉ. सनी गुप्ता ने ऑपरेशन किया था। ऑपरेशन के बाद जब पट्टी खोली गई तो किसी को भी कुछ दिखाई नहीं पड़ रहा था। डॉक्टरों ने मरीजों को आश्वासन दिया कि 24 घंटे के बाद उनकी रोशनी वापस आ जाएगी पर 72 घंटे बीत जाने के बाद भी जब छह में से किसी भी मरीज की रोशनी नहीं आई तो यह बात जानने के साथ ही अस्पताल प्रबंधन ने मामले को दबाने की कोशिश शुरू कर दी।
निरंतर इंतजार के बाद शुक्रवार दिन में परिजनों के सब्र का बांध टुटा और उन्होंने हंगामा करना शुरू किया तब डॉक्टर गुप्ता पीड़ितों संग पहड़िया स्थित रेटिना फाउंडेशन डॉ. नीरज पांडेय के यहां पहुंचे। वहां मरीजों का सीटी स्कैन किया गया तब जाकर पता चला कि संक्रमण की वजह से आंख के पर्दे में मवाद जम गया है। जिसके लिए फिर से आपरेशन करना पड़ेगा जिसका कि 50 हजार से ज्यादा का खर्च आएगा।
दूसरी तरफ सीएमओ वीबी सिंह ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम इनकी जांच कर इलाज करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि छह लोगों की रोशनी जाने के मामले की जानकारी है ऐसा मारवाड़ी अस्पताल के चिकित्सक की लापरवाही के कारण हुआ है।