स्वामी सानंद का ऋषिकेश में हुआ निधन, काशी में कहा था ऐसे जीने से क्या फायदा
वाराणसी: 22 जून से आमरण अनशन पर बैठे स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद (प्रो. जीडी अग्रवाल) जो कि गंगा की अविरलता और निर्मलता को बनाए रखने के लिए विशेष एक्ट पास कराने की मांग को लेकर बैठे थे एम्स ऋषिकेश में उनका गुरुवार दोपहर बाद निधन हो गया। वहीं डॉक्टरों की माने तो उनके निधन का कारण कमजोरी और हार्ट अटैक रहा।
एम्स ऋषिकेश में कराया गया भर्ती
हम आपको बताते चले कि एम्स ऋषिकेश में बुधवार को स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद (प्रो. जीडी अग्रवाल) को भर्ती करवाया गया था। काशी से बहुत गहरा जुड़ाव रहा है स्वामी सानंद का। गंगा आंदोलन के लिए ही वह सोनभद्र जिले के म्योरपुर स्थित आश्रम से ऋषिकेश गए थे। जैसे ही उनके निधन की खबर संत समाज के साथ ही आश्रम को लगी तो शोक का माहौल व्याप्त हो गया। स्वामी सानंद जब 22 अप्रैल को वाराणसी पहुंचे तो उन्होंने कहा कि जब मां के आंचल को ही साफ नहीं करा सका तो इस प्रकार से जीने का क्या अर्थ अब मैं शरीर त्याग दूंगा।
पीएम मोदी को लिखा खुला खत
यह बात उन्होंने प्रो.विश्वंभरनाथ मिश्र संकटमोचन फाउंडेशन के अध्यक्ष से कही थी। 24 फरवरी 2018 को स्वामी सानंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला खत लिखा था, काशी में उसको सार्वजनिक किया गया था। इस खत में उन्होंने गंगा नदी को स्वच्छ एवं निर्मल रखने के वादे को पूरा करने के लिए कोई कड़ा कदम ना उठाए जाने पर पीएम मोदी से नाराजगी व्यक्त की थी। इन सबके साथ ही पीएम के नाम खुला खत लिखे जिसमें गंगा दशहरा से अनशन पर बैठने के लिए ऐलान भी किया गया था।