दो सगे भाईयों की डूबने से हुई मौत सब की आँखे हुई नम

दो सगे भाईयों की डूबने से हुई मौत सब की आँखे हुई नम

मीरगंज, वाराणसी: रामगढ़ गांव में दो सगे भाईयों की पानी से भरे गड्ढे में डूबने से हुई मौत। गांव भर में पसरा रहा मातम का मौहोल। मां राजवंती देवी बारी – बारी से रो – रो कर लगाती रही बेटों को सीने से। जिस-जिस ने भी इस मां का यह दुख देखा हो उठा व्याकुल और दुखी। इस खबर की भनक जिस – जिस को भी हुई वह यह देखने आता गया देखते ही देखते सैकड़ो लोगो का जमावड़ा लग गया पर उस दुखयारी माँ को अपने बेटों को खोने का ढांढस बंधा पाए इतनी हिम्मत किसी को भी नहीं हो पा रही थी। इस दुखभरे पल को देख कर सब बहुत दुखी थे सभी की आँखे नम थी।

प्रेमचंद प्रजापति जो की रामगढ गांव के ही है मुंबई में रहकर भूजा की दुकान चलाने का काम करते हैं। प्रेमचंद की पत्नी राजवन्ती घर पर अपने तीन बच्चों संग रहा करती थी जिसमें से एक पुत्र का नाम कमलेश व दूसरे का नाम अखिलेश था वा उसकी पुत्री का नाम शिवानी है। तीनो बच्चे कंचन बालिका विद्यालय मे ही पढ़ाई किया करते थे जो की पांचवीं, चौथी और दूसरी कक्षा में थे। दोनों ही भाई शुक्रवार को स्कूल नहीं गए थे घर वालों ने कहा की खेत में जाकर बेहन पहुंचा दें। साइकल पर बोरे में भरी बेहन को लादकर दोनो खेत में जा रहे थे। उसी वक्त मार्ग में दोनों बच्चों ने देखा कि एक सांड़ खेत में बोई गई फसल को चर रहा था। फिर दोनों ने वहीं मार्ग में साइकिल खड़ी कर दी और खेत से सांड़ को भगाने के लिए दौड़ा लिया। फिर सांड़ भागते हुए गहरे गड्ढे जाकर कूद पड़ा तो पीछे से छोटा भाई पहले गड्ढे में कूद पड़ा। फिर अपने भाई को बचाने के प्रयास में बड़ा भाई भी उस में कूदा और डूब गया।

ट्रैक्टर चालक जताता रहा विलाप

हम आपको बताते चले कि मीरगंज हादसे में एक साथ हुई दोनों भाईयों की मृत्यु से ठीक पहले खेत में धान की बेहन पहुंचाने से भी पहले वह खेत जोतने के लिए ट्रैक्टर बुलाने गांव में गए हुए थे। दोनों बच्चों को ट्रैक्टर चालक ने यह कहकर वापस भेज दिया कि वह खाना खाने के बाद आ जएगा। फिर जब दोनों भाई वापस आए तो उनकी मां ने बेहन लेकर दोनों को खेत में भेज दिया। जब इस की जानकारी ट्रैक्टर चालक को हुई तो वह मौके पर पंहुचा और यह कहकर दुखी होता रहा की यदि उसको पता होता की ऐसा हादसा हो जाएगा तो वह भोजन ही नहीं करता और पहले खेत जोतने के लिए आ जाता। शायद उसके ऐसा करने से बच्चे इस हादसे का शिकार होने से बच सकते थे।

ग्रामीणों का आक्रोश दिखा कॉलेज प्रशासन के खिलाफ

मीरगंज रामगढ दो सगे भाइयों की मौत की जानकारी पर एकत्र हुए गांव वालों में जानलेवा गड्ढा खोदने वाले कालेज प्रशासन के खिलाफ आक्रोश दिखा। गांववालो का यह भी आरोप है कि एक तो बिना किसी अनुमति के इतना गहरा गड्ढा खोद दिया गया वा दूसरे गड्ढे के किनारों पर कोई ऐसी व्यवस्था भी नहीं की गई जिससे लोगों को गड्ढा होने का अंदाजा लग सके। गांववालों ने यह भी कहा कि सुरक्षा के लिए किनारों पर कोई बंदोबस्त करना चाहिए था पर वह भी नहीं किया गया था। वह खेत के लेबल में बारिश में गड्ढे में पानी भरने से हो गया है। यह तक पता नहीं चल सका कि यहां गड्ढा इतना गहरा होगा। ग्राम प्रधान ने यह आरोप भी लगाया है कि जिस भूखंड पर गड्ढा खोदा गया है उसका कुछ हिस्सा ग्राम समाज का ही है।

ग्राम प्रधान से यह पूछा भी नहीं गया और गड्ढा को खोद डाला गया। जिस समय खुदाई का काम चल रहा था उस समय उन्होंने राजस्व कर्मियो से शिकायत भी की थी। दो लट्ठा लंबाई तक शिकायत के बाद नाप की गई तो ग्राम समाज की जमीन में गड्ढा खोद दिया गया। मौके पर जुटे ग्रामीणों का कहना था कि पुलिस उन्हें रोक देती यदि किसान दस ट्राली माटी अपने खेतो से निकालता जबकि यहां एक सप्ताह तक जेसीबी मशीन द्वारा खुदाई कर मिट्टी निकाली जाती रही एवं जानलेवा गड्ढा बनाकर तैयार कर दिया गया फिर भी इस बात की भनक पुलिस को कैसे नहीं लगी। वही दूसरी तरफ इस मामले की जांच जायेगी एसडीएम ने कहा। मुख्यमंत्री राहत कोष से परिवार को सहायता दी जायेगी।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.