वाराणसी में गरजे अधिवक्ता करवाई की मांग, बीएचयू के दोषी डॉक्टरों को बताया धब्बा
वाराणसी: वैसे तो डॉक्टर्स को दूसरा भगवान कहा जाता है पर बनारस के काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित सर सुंदरलाल चिकित्सालय में दूसरा ही रूप देखने को मिल रहा है जहा इलाज करना तो दूर डॉक्टर उलटे मरीज का सर फोड़ दे रहे है।
अब इस घटना को लेकर शहर का माहौल गर्माने लगा है और कचहरी स्थित बनारस बार के सभागार में अधिवक्ताओं ने आपात बैठक की। इस दौरान पूरी तरह से खचाखच भरे हॉल में हड़ताल के खिलाफ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास हुआ।
इसके बाद सभी अधिवक्ता जुलुस की शकल में डीएम योगेश्वर राम से मिलने पहुंचे थे। वकीलों ने बार के प्रस्ताव के विषय में जिलाधिकारी को बताया। इस विषय में वाराणसी कचहरी के वरिष्ठ अधिवक्ता नीड़त्यानन्द राइ ने बनारस बार सभागार में सभी वकीलों को प्रस्ताव पढ़कर सुनाया। वही बनारस बार के अध्यक्ष नरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि अधिवक्ता समाज बीएचयू में घट रही घटनाओ की निंदा करता है और इस तरह की घटनाये बिलकुल भी स्वीकार्य नहीं हैं।
यदि नहीं हुई करवाई तो होगा बड़ा आंदोलन
बाद में डीएम पोर्टिको में अधिवक्ताओं ने एक सभा का आयोजन किया। वक्ताओं प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि बीएचयू के रेजिडेंट डाक्टरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई तो बनारस में ऐसे असंवेदनशील डॉक्टरों के खिलाफ बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
वकीलों ने कहा आम जनता डॉक्टरों के मनमाने रवैये से परेशान हो चुकी है और यदि जल्द ही दोषी डॉक्टरों की गिरफ़्तारी नहीं हुई तो ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया जायेगा, इस बार डॉक्टरों के नाम पे धब्बा बने इन मनमौजी डॉक्टरों को किसी भी हाल में बक्शा नहीं जाना चाहिए।