एटीएम कैश वैन लूट मामले में पुलिस को मिली बड़ी सफलता, पकड़ा गया तमिल संगठन
वाराणसी: लंका में एटीएम कैश वैन से 26.50 लाख ले भागने के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है और पता चला है कि वारदात को अंजाम देने वाले तमिल गिरोह की जड़ें वाराणसी और पूर्वांचल ही नहीं बल्कि प्रदेश के कई अन्य जिलों तक फैली हैं, आसपास के प्रांतों में भी गिरोह सक्रिय है। वारदात के तत्काल बाद यह गिरोह शहर छोड़ देता है और फिर अगले कुछ महीनों तक वहां नजर नहीं आता। वारदात के बाद भागने के लिए गिरोह के सदस्य सीधे आसपास के कस्बों के रेलवे स्टेशनों पर पहुंचते हैं।
उन्हें हिंदी, भोजपुरी, राजस्थानी, पंजाबी, बांग्ला, उडि़या और अंग्रेजी बोलने के लिए बाकायदा प्रशिक्षित किया जाता है लेकिन जब वे पुलिस की पकड़ में आते हैं या फिर कहीं पुलिस उनसे कुछ पूछताछ करती है तो वे सिर्फ तमिल में जवाब देते हैं।इसके पहले भी इस गिरोह ने 2015 में लखनऊ में कैश वैन से 1.35 करोड़ की ठगी को अंजाम दिया था।
यह गैंग वारदात को अंजाम देने के बाद सीधे रेलवे स्टेशन की ओर भागता है और मंगलवार की रात भी लंका में कैश वैन से 26.50 लाख लेकर भागने के बाद बदमाशों ने ऐसा ही किया था। दरअसल, जब वारदात की सूचना पुलिस को हुई तो सबसे पहले वैन कर्मी ही शक के घेरे में आए। जानकारी जब एसपी सिटी को हुई तो उन्होंने अधिकारियों को लखनऊ में हुई वारदात का हवाला देते हुए गिरोह के कार्य करने का तरीका बताया।
पुलिस ने गिरफ्तार किये गिरोह के तीन सदस्य
उसके बाद सबसे पहले आसपास के रेलवे स्टेशनों पर पुलिस अलर्ट कर दी गई। फिर वाहन चेकिंग शुरू कराई गई। कुछ ही घंटों में मुगलसराय रेलवे स्टेशन पहुंचे गिरोह के तीन सदस्य 9.50 लाख रुपये के साथ दबोच लिए गए।
नहीं किया गया आरबीआई के नियमो का पालन
लंका की घटना में एटीएम में कैश भरने वाली कंपनी के कर्मचारियों की भारी चूक सामने आई है। सिक्योर वैल्यू कंपनी के चालक, कर्मचारियों और सिक्योरिटी गार्ड्स ने तय नियमों का भी पालन नहीं किया। नियमानुसार जिस दौरान एटीएम में कैश भरा जा रहा था उस दौरान, वैन में ड्राइवर और बाहर गन मैन मौजूद होना चाहिए। पर इन नियमो का पालन नहीं किया गया