डायनेमिक लाइटों से चमक उठी महादेव की नगरी
पौरोणिक नगरी वाराणसी को अब और भी सुशोभित करने के लिए और इसके वास्तविक रूप को बनाये रखने के लिए और भी बहुतायत प्रयास किये जा रहे है।
जी हां सही सुना आपने इसके लिए हृदय, प्रसाद सहित कई योजनाओं के तहत साफ-सफाई, पेंटिंग और म्यूरल आर्ट का भी निर्माण करवाया जा रहा है। इन सबके अलावा इंडियागेट एवं राष्ट्रपति भवन की तरह ही यहां डायनेमिक लाइट्स भी लगवाई जा रही है।
डायनेमिक लाइट्स बहुत किफायती होने के साथ बिजली की बचत भी करता है। अपनी जरूरत वा मौके के हिसाब से आप इन लाइट्स की थीम बदल भी सकते है। यह सेल्फ कंट्रोल मैनेजमेंट सिस्टम एवंआधुनिक एलईडी टेक्नोलॉजी पर आधारित होती है।
इससे इन इमारतों की सुंदरता रात के अंधरे में भी शोभामान क़ायम करे हुए नजर आएंगी। इतना ही नहीं स्टेशन, प्राचीन इमारते, मंदिर, गंगा घाट राजघाट का मालवीय ब्रिज और सामने घाट का पुल भी डायनेमिक लाइटों से चमचमाता हुआ नजर आएगा।
केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्लूडी) द्वारा तकरीबन 12 करोड़ रुपए खर्च करके यह लाइटें लगवाई जा रही है, जिसका काम जून तक पूरा हो जाएगा।
हम आपको बताते चले कि सीपीडब्लूडी के स्पेशल डीजी प्रभाकर सिंह ने बताया कि तकरीबन 12 करोड़ रुपये की लागत लगाकर बनारस को सजाने और संवारने का काम किया जाएगा। इस काम को करने के लिए गाजियाबाद एकेडमी के इलेक्टॉनिक विभाग के इंजीनियरों का चुनाव किया गया है।
उन्होंने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए बताया लाइटिंग का काम बनारस में दरभंगा घाट, दशाश्वमेध घाट, मुंशी घाट, राज घाट और तुलसी घाट पर किया जा रहा है। जो कि जून तक पूर्ण भी हो जाएगा। इस में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का काशी विश्वनाथ मंदिर, प्राचीन काशी विश्वनाथ मंदिर, टाउनहाल, कैंट स्टेशन, मालवीय ब्रिज, दुर्गा मंदिर एवं सामने घाट पुल अन्य भी शामिल है। उन्होंने बताया कि जिन इंजीनियरों ने राष्ट्रपति भवन की नॉर्थ, साउथ साइट एवं इंडिया गेट पर डायनेमिक लाइट्स लगाने का काम किया है। वही इंजीनियर्स वाराणसी के प्रोजेक्ट्स पर भी काम कर रहे है।