प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए छह करोड़ की आवश्यकता

प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए छह करोड़ की आवश्यकता

वाराणसी: जिले की पुलिस ने अगले वर्ष होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन को ध्यान में रखकर सभी तैयारियां प्रारम्भ कर दी है। छह करोड़ रुपये की जरूरत है अभी ताकि पुलिस की व्यवस्था लकदक रहे। प्रदेश सरकार को इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर भेज दिया गया है।

पुलिस चौकियों की स्थिति नहीं है ठीक

बताते चले कि जिले की व्यवस्था अभी सही हाल में नहीं है। सिर्फ इतना ही नहीं एक तरफ जहां पुलिस चौकियों की स्थिति ठीक नहीं है वहीं दूसरी तरफ 14 से ज्यादा थानों के भवन भी जर्जर हैं। वहीं पर्याप्त संसाधन अग्निशमन विभाग के पास भी उपलब्ध नहीं है एवं संचार व्यवस्था को भी हाईटेक किया जाना है। इन सभी व्यवस्थाओं को ठीक तरह से पूरा करने के लिए अभी लगभग छह करोड़ रुपये की आवश्यकता है।

मामले के संबंध में भेजा गया प्रस्ताव

इस मामले के संबंध में प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा गया है यह बात एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने बताई। साथ ही बताया कि जैसे ही धनराशि स्वीकृत हो जाएगी वैसे ही कार्य प्रारम्भ कर दिया जाएगा। सिर्फ इतना ही नहीं प्रवासी भारतीय सम्मेलन को ध्यान में रखते हुए विशेष प्रशिक्षण थानों एवं यातायात विभाग में तैनात कर्मियों को भी प्रदान किया जाएगा। जिससे बहार के देशों से आने वाले भारतीय प्रवासियों के सम्मुख प्रदेश की पुलिस की छवि अच्छी नजर आए।

एसएसपी ने गुस्सा व्यक्त किया

बता दे कि बनारस जिले के देहात क्षेत्र की यूपी 100 के पुलिस रिस्पांस व्हीकल (पीआरवी) का रिस्पांस समय बिल्कुल भी ठीक नहीं है। जिसको ले करके एसएसपी ने गुस्सा व्यक्त किया है एवं इस पर विशेष ध्यान देते हुए एसपी ग्रामीण को सुधार करवाने के लिए कहा है। सौ नंबर पर शिकायत मिलने पर औसतन 14 मिनट नगर क्षेत्र सहित देहात क्षेत्र में 22 मिनट का समय शिकायतकर्ता के पास पहुंचने में पीआरवी को लग रहा है।

पीआरवी का रिस्पांस टाइम हो 17 मिनट

सोमवार को एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने इस पर गुस्सा जाहिर किया। साथ ही उन्होंने कहा कि पीआरवी का रिस्पांस टाइम देहात क्षेत्र के लिए 17 मिनट का हो। जिस किसी पीआरवी की देरी से पहुंचने की शिकायत मिले उस पर तैनात पुलिसकर्मियों से सवाल – जवाब किया जाए।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.

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