हरहुआ ब्लाक : खुद के खर्चे व मेहनत से चह (अस्थाई पुल) का किया निर्माण, मुश्किलें हुई आसान
वाराणसी। वरुणा नदी के किनारे हरहुआ ब्लाक के शहर से इस पार बसे दानियालपुर गांव के ग्रामीणों ने अपने खुद के खर्चे व मेहनत से चह (अस्थाई पुल) बनाकर अपनी मुश्किलें आसान कर दिखाया है। शहर पहुंचने के लिए मजबूरी में 8 किमी ऊबड़ खाबड़ सड़क का चक्कर काटकर आधे घण्टे में जाने की रोज -रोज की मुसीबतों से परेशान हो करके ग्रामीणों ने जन सहयोग से चह के द्वारा पांच मिनट में ही शहर पहुंच जाते हैं। वाराणसी शहर के फुलवरिया गेट न. पांच के बीच ग्रामीण नाव से नदी पार करते रहे। अंधेरा होने पर नाव का परिचालन बन्द हो जाने पर आवागमन का विकल्प खत्म हो जाता है।
कड़ी मशक्कत से तैयार हुआ चह
समय बचाने और दूरी कम करने के लिए ग्राम प्रधान गोविन्द प्रसाद पटेल पूर्व बीडीसी व् युवा समाजसेवी गणेश राजभर के नेतृत्व में ग्रामीणों ने पीपा पुल बनाने के लिए शासन प्रशासन से मांग की पर कोई सुनवाई नही हुई, सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा। थक हार कर चह को इसी वर्ष बनाने का निर्णय व् संकल्प लिया गया और नवरात्र में बनाना शुरू कर 12 दिनों तक कड़ी मशक्कत कर 75 फीट लम्बाई का चह तैयार कर दिया। चह बनने से 9 माह तक आवागमन सुलभ रहेगा। बरसात में बाढ़ के वजह से 3 माह आवागमन बाधित रहता है।
अन्य गाँवों को भी मिली सुविधा
भगवान शंकर की विधिवत पूजन कर चह को आवागमन के लिए पूरी तरह से खोल दिया गया। इस खुशी में मिठाइयां भी बांटी गईं। आवागमन शुरू होते ही किसान अपनी उपज सट्टी, स्कूली बच्चे स्कूल, दैनिक मजदूर और मरीजों को लेकर अस्पताल व खरीददारी करने शहर जाने-आने लगे। साइकिल, दुपहिया वाहन समेत पैदल यात्रियों के खुशी का ठिकाना ही नही रहा। चह बनने से दानियालपुर सहित पिसौर, भवानीपुर व फुलवरिया समेत तटीय गांवों को लाभ मिलना शुरू हो गया। चह निर्माण में प्रमुख रूप से प्रधान गोविन्द प्रसाद पटेल, पूर्व बीडीसी गनेश राजभर, पंचम पटेल, शनि, अजय, नितेश, बृजेश, नीरज, जीत कुमार व जयप्रकाश सहित कई ग्रामीणों का योगदान रहा है।