वाराणसी के इस मंदिर में पूजा पाठ करने से मिलती है हर बाधा से शांति
वाराणसी। आज के समय में लोगों के पास पैसा है, समय है, सुख सुविधाएं है मगर नहीं है तो शांति। मान्यताओं के अनुसार मनुष्य के जन्म के साथ की शांति पूजा करने की आवश्यकता पड़ती है। जैसे गलत नक्षत्र में उत्पन्न होने वाले बच्चों की मूल शांति कराना, पितृदोष होने के कारण पितरों की आत्मा की शांति और ग्रह यदि राशि में सही न चल रहे हो तो ग्रहदोष की शांति करायी जाती है।
काशी में भगवान शिव का एक ऐसा मंदिर भी है जहां पूजा पाठ करने से सभी प्रकार की दुविधाओं से शांति मिलती है।
काशी के पक्के मौहाल कहे जाने वाले पटनी टोला, गोला घाट स्थित उपशांतेश्वर महादेव के मंदिर में विधि विधान से पूजा पाठ करने से सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति और शांति मिलती है।
मान्यताओं के अनुसार एक बार देवी पार्वती ने भगवान शिव से काशी में स्थित सभी तीर्थों का वर्णन करने का आग्रह किया। इस पर भगवान शिव ने भद्रेश्वर की दिव्य शक्तियों का वर्णन किया। भद्रेश्वर की उत्तर पूर्वी दिशा की ओर उप शांतेश्वर महादेव शिवलिंग स्थित है।
मान्यता है कि इस शिव लिंग के स्पर्श मात्र से ही भक्त को परम मानसिक शांति मिलती है। हालांकि इस मंदिर के गर्भगृह के आमजनों का प्रवेश वर्जित है। मंदिर के महंत गोपाल जी त्रिपाठी में बताया कि उप शांतेश्वर महादेव के दर्शन करने से मनुष्य की जीवन में आयी सभी प्रकार की समस्या से शांति मिलती है।
उन्होंने बताया कि इस मंदिर का वर्णन काशी खण्डोक्त में भी है। काशी खण्डोक्त में इसे अप शांता लिंग भी कहा गया है, मगर आम भाषा में इसे इन्हे उप शांतेश्वर कहा जाता है। उन्होंने बताया कि जब बच्चे मूल के 6 नक्षत्रों में जन्म लेते है तो वो मूल दोष से प्रभावित हो जाते है। ऐसे में बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य और लम्बी उम्र के लिए मूल शांति करायी जाती है। इसके अलावा इस शिवलिंग का दर्शन और पूजा पथ करने से ग्रह शांति से लेकर पितृदोष तक से शांति मिलती है।
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