अखिलेश यादव के वाराणसी से चुनाव लड़ने की संभावनाएं, पीएम मोदी को मिलेगी कड़ी चुनौती
इस खबर को सोशल मीडिया वर्तमान डिजिटल माध्यमों पर चल रहे अफवाहों के तौर पर लें। दैनिक प्रसार इस खबर की पुष्टि नहीं करता है।
अगले वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारियां जोरों-शोरों से शुरू कर दी हैं, ऐसे में अटकलें यह भी लगाई जा रही हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से इस बार उनके खिलाफ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चुनाव लड़ सकते हैं।
यह खबरें कहां से निकल कर आई है इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है लेकिन इन दिनों सोशल मीडिया पर इस खबर को खूब वायरल किया जा रहा है, परंतु यदि इस दावे में ज़रा भी सच्चाई होगी तो बेशक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे बड़ी चुनौती मिलने की संभावनाएं बनती हैं।
इसे दावे का सोशल मीडिया की अफवाह ही बताया जा रहा है।
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2014 में सबसे दिलचस्प और करीबी मुकाबला वाराणसी सीट पर ही देखने को मिला था। जहां एक तरफ गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी बनारस की सीट पर चुनाव लड़ रहे थे, वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल भी मोदी के खिलाफ बनारस से चुनाव लड़े थे। लेकिन मोदी लहर में अरविंद केजरीवाल को हार का सामना करना पड़ा था और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी लाखों वोटों से चुनाव जीते थे।
तब से लेकर अब तक बनारस की सीट वीवीआईपी बन चुकी है और पूरे देश की नजरें इस सीट पर लगी हुई हैं। ऐसे में पीएम मोदी को हराने के लिए अखिलेश यादव के प्रत्याशी बनाने की खबरें तेजी से वायरल हो रही है।
राजनीतिक जानकारों की माने या खबर बिल्कुल अफवाह नजर आती है लगती है क्योंकि आमतौर पर दो बड़े नेता एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ते हैं। वैसे भी अखिलेश यादव ने पहले ही ऐलान किया है कि उनकी पत्नी डिंपल यादव अब कन्नौज की सीट चुनाव नहीं लड़ेंगी जिससे यह साफ हो जाता है कि वह खुद इस बार कन्नौज की सीट से चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में अखिलेश यादव के बनारस संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की संभावनाएं संभावनाओं में दम नहीं दिखता है।