पंहुचा था हर्निया का इलाज कराने, मामूली विवाद पर डॉक्टरों ने पीट-पीट कर फोड़ा सर
वाराणसी: वैसे तो डॉक्टरों को दूसरा भगवान कहा जाता है, पर कल पूर्वांचल के एम्स कहे जाने वाले बीएचयू में एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है। जिसने डॉक्टरों की छवि धूमिल करने का कार्य किया है। मामला हैं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सरसुन्दरलाल चिकित्सालय का जहा हर्निया का इलाज कराने पहुंचे संस्कृत विभाग के छात्र आकाश मिश्रा को डॉक्टरों के दबंगई का शिकार होना पड़ा। जहाँ छात्र आकाश और उसके एक साथी को कहासुनी के बाद 5 डॉक्टरों ने अस्पताल में ही जमकर पिट दिया, जिससे छात्र आकाश के सर और आँख में गंभीर चोट आई है।
इस मामले में छात्रो ने पुरे घटना को लेकर लंका थाने में तहरीर दी हैं। इस पूरी घटना पर लंका थाने के एसओ संजीव मिश्रा ने बताया कि घायल छात्र का मेडिकल कराया गया है और छात्रों के तहरीर मुकदमा दर्ज़ कर लिया गया हैं, मामले की जांच की जा रही है।
मामूली कहासुनी पर कर दी पिटाई
जानकारी के मुताबिक संस्कृत विभाग का छात्र आकाश मिश्र हर्निया की शिकायत को लेकर सर सुंदर लाल अस्पताल के मेडिसिन विभाग पहुंचा था। वहां ऑपरेशन की बात कहकर छात्र को सर्जरी विभाग भेजा गया। वहां मामूली कहासुनी के बाद करीब पांच की संख्या में डॉक्टरों ने आकाश मिश्र और उसके एक साथी के साथ मारपीट शुरू कर दी। करीब पांच की संख्या में डॉक्टरों ने छात्र आकाश मिश्र को इतना मारा की उसका सर फट गया जिसके बाद इस बात की शिकयात प्रोक्टोरियल बोर्ड और लंका पुलिस को दी गई।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपनया सख्त रुख
वही पूरी घटना के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी सख्त रुख अपनया है और इस पुरे मामले में चीफ प्रॉक्टर रोयना सिंह ने बताय कि तीन दोषी डॉक्टरों डॉ प्रियेश शुक्ल, डॉ विपिन सिंह और डॉ अंकुर अग्रवाल की पहचान कर ली गयी है और आने वाले परीक्षाओ में इन्हे सम्मिलित नहीं होने दिया जायेगा।