दूसरे दिन भी नहीं माने बीएचयू के जूनियर डॉक्टर, दर-दर भटकते रहे मरीज

दूसरे दिन भी नहीं माने बीएचयू के जूनियर डॉक्टर, दर-दर भटकते रहे मरीज

वाराणसी: बीएचयू के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से गुरूवार को दूसरे दिन चिकित्सा सेवा और लड़खड़ा गई। कुलपति वार्ता और आश्वासन के बाद भी जूनियर डॉक्टर नहीं मान रही है। उनकी मनमानी ने मरीजों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। गुरूवार को भी सैकड़ो मरीज घंटो इंतज़ार के बिना जांच-इलाज के लौटा दिया गए।

वार्डो में भर्ती मरीजों को भी काफी परेशानी झेलनी पड़ रही हैं। कई सारे ऑपरेशन ताल दिए गए हैं। सीनियर  डॉक्टरों के जरिये कुछ ओपीडी चली लेकिन चिकित्सा सेवा को सुचारु रखने के अस्पताल प्रशासन के दावे पूरी तरह से फेल दिखे। इस पुरे हड़ताल का असर ट्रामा सेंटर में भी दिखा।

कुलपति ने दिया अश्वशान

हलाकि कुलपति प्रो.राकेश भटनागर की दिन भर अस्पताल के अधिकारियो और जूनियर डॉक्टरों से दो-तीन चरणों में बात हुई। विश्वविद्यालय सूत्रों से पता चला हैं कि इस पुरे मामले में कुलपति के अश्वशान के बावजूद कोई बात नहीं बनी हैं। जूनियर डॉक्टर अपनी मांगे पूरी होने तक हड़ताल खत्म करने को राज़ी नहीं हो रहे हैं। लगातार दूसरे दिन हड़ताल जारी रहने के बाद से सर सुंदरलाल चिकित्सालय और ट्रामा सेंटर तक ओपीडी और वार्डो की चिकित्सा प्रभावित हुई।

पूर्वांचल के आलावा कई राज्यों से आते हैं मरीज

पूर्वांचल के विभिन्न जिलों के आलावा बिहार, झारखण्ड, मध्य प्रदेश आदि जगहों से आये मरीज और टीमदार अस्पताल परिसर में दर-दर भटकते नज़र आए। जबकि, अस्पताल प्रशासन का दावा हैं कि सीनियर डॉक्टरों के जरिये ओपीडी संचालित की जा रही हैं। मरीजों के जांच-इलाज के साथ ही उन्हें भर्ती भी किया जा रहा है और चिकित्सा की साडी व्यवस्था अस्पताल में सुचारु रूप से जारी हैं।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.