बीएचयू में नियम-कानून को ताक पे रखकर हुई नियुक्तियां, आरटीआई से हुआ पुरे मामले का खुलासा

बीएचयू में नियम-कानून को ताक पे रखकर हुई नियुक्तियां, आरटीआई से हुआ पुरे मामले का खुलासा

वाराणसी: बीएचयू में धांधली को लेकर नया मामला प्रकाश आया है, जिसमे असिस्टेंट प्रोफेसर से प्रोफेसर तक के 100 से अधिक पदों पर नियम कानून को ताक पर रखकर नियुक्ति की गई है। पूर्व कुलपति प्रो. जीसी त्रिपाठी के कार्यकाल में इन पदों पर हुई नियुक्तियों को कार्यकारिणी परिषद के मिनट्स मंजूर हुए बगैर ही नियुक्ति पत्र दे दिया गया। इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आईएमएस) से लेकर अन्य संस्थानों और संकायों में नियुक्त शिक्षकों ने अध्यापन भी शुरू कर दिया है।

इस पुरे मामले का खुलासा आरटीआई द्वारा हुआ है, जिससे नियुक्ति संबंधी लिफाफों की सत्यता पर असमंजस बढ़ गया है। आरटीआई के जवाब में विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपनी गलतियां छुपाने के लिए दिए है।

कार्यकारणी बैठक को लेकर नहीं मिला माकूल जवाब

एक तरफ लिखा कि 20 अगस्त, 17 के बाद कार्यकारिणी परिषद की बैठक नहीं हुई है। दूसरे जवाब में यह भी लिखा कि 26 सितंबर, 17 को बैठक तो हुई पर बैठक के मिनट्स को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। आपको बता दे कि विश्वविद्यालय परिसर में 23 सितंबर, 17 की रात को छात्राओं के आंदोलन के दौरान लाठीचार्ज के बहुचर्चित मामले के बाद प्रो. त्रिपाठी ने 26 सितंबर को कार्यकारिणी परिषद की बैठक दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में बुलाई थी।

बिना मंजूरी के नहीं दिया जा सकता नियुक्ति पत्र

इसमें शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित लिफाफे खोले गए थे। नवनियुक्त शिक्षकों को तत्काल नियुक्ति पत्र दे दिए गए। आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक अभी तक इस बैठक के मिनट्स मंजूर नहीं हुए हैं। जानकारों की मानें तो मिनट्स की मंजूरी हुए बगैर नियुक्ति पत्र नहीं दिया जा सकता।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.