23 वर्ष पुराने गैंगस्टर मामले में बृजेश सिंह और उनके भाई हरी सिंह को अदालत ने किया बरी
वाराणसी: कल का दिन माफिया से माननीय बने बृजेश सिंह और उनके भाई हरि सिंह के लिए उमंग का दिन रहा क्योंकि कल उन्हें एक 23 वर्ष पुराने मामले में बरी कर दिया गया है। हुआ यह कि चौबेपुर थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज़ मामले में आरोप ना साबित होने पर शुक्रवार को विशेष न्यायधीश ( गैंगस्टर ) राजीव कमल पांडेय की अदालत ने आरोपी एमएलसी बृजेश सिंह उनके भाई हरि सिंह उर्फ़ ह्रदय नारायण सिंह को बरी कर दिया है।
सिकरौरा हत्याकांड में भी हो चुकी है शिनाख्त
इसके पहले भी एक 32 साल पुराने मामले में उनकी शिनाख्त हो गयी थी और अब इतने वर्षो बाद पीड़ित पक्ष को न्याय अब न्याय मिलने की उम्मीद थी। क्योंकि सिकरौरा नरसंहार मामले की मुख्य गवाह हीरावती देवी ने मुख्य आरोपी बृजेश सिंह की जिला न्यायलय में शिनाख्त कर दी थी, तो इससे उम्मीद बंधी थी की शायद इस बार उन्हें इन्साफ मिल जाये पर अब चौबेपुर मामले के सुनवाई के बाद यह उम्मीद भी धूमिल होती दिख रही है।
आपको बता दे कि सिकरौरा नरसंघार काण्ड के आरोपी बृजेश इनदिनों वाराणसी सेंट्रल जेल में अपनी सजा काट रहे है और उनपर हत्या, हत्या के प्रयास जैसे संगीन आरोप दर्ज़ है। इन्ही मुकदमो के आधार पर चौबेपुर पुलिस ने वर्ष 1995 में बृजेश सिंह और हरि सिंह के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। इसमें सिकरौरा नरसंघार काण्ड का भी उल्लेख है।
आरोप साबित करने में असफल रहा अभियोजन पक्ष
इसी मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से तत्कालीन थानाध्यक्ष आरडी चौहान सहित पांच गवाह परीक्षित कराये गए थे। पर अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में असफल रहा और अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया।