अब मंडुआडीह स्टेशन का नाम बदलने की कवायद शुरू, जानिये क्या होगा नया नाम
वाराणसी: शहर उत्तरी के विधायक रवींद्र जायसवाल ने शुक्रवार को लखनऊ में रेलमंत्री पियूष गोयल को पत्रक देकर मंडुआडीह स्टेशन का नाम बदलकर बनारस स्टेशन करने की मांग है। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। विधायक रविन्द्र जायसवाल ने इसके पहले भी एक पत्रक रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा को सौपा था, जिसपर अभी विचार चल रहा है।
बनारस नाम ही है ज्यादे प्रचलित
विधायक ने कहा कि वाराणसी को बाहर के ज्यादतर लोग बनारस के नाम से ही जानते है। और बाद में अंग्रेजो ने अस्सी और वरुणा के बीच बसे इस शहर को वाराणसी नाम दिया जबकि बनारस का भूभाग वरुणा और अस्सी के बाद भी है। वेद पुराणों में इस शहर को काशी के नाम से जाना जाता है कालांतर में मुगलों द्वारा इस शहर को बनारस नाम दिया गया था। आपको बता दे कि शहर में वाराणसी नाम से पहले से ही दो स्टेशन है जिनका नाम वाराणसी सिटी और वाराणसी कैंट है। और भोले बाबा की यह काशी नगरी बनारस नाम से सिर्फ देश ही नहीं बल्कि कि विदेशो में भी मशहूर है।
स्टेशन के नाम बदलने को लेकर पहले भी सौप चुके है पत्रक
विधायक रविंद्र जयसवाल का कहना है कि मंडुआडीह नाम से स्टेशन की अच्छी छवि नहीं उभरती है और मंडुआडीह स्टेशन का जिस तरह बेहतरीन कायाकल्प हुआ है, इसके हिसाब से स्टेशन का नाम बदलकर बनारस स्टेशन करना ज्यादे अच्छा रहेगा। और यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो जल्द ही इस स्टेशन का नाम बदलकर बनारस स्टेशन कर दिया जायेगा। इस सन्दर्भ में वह पहले भी रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा से बात कर चुके है और उन्हें इस विषय में पत्रक सौप चुके है, जो अभी विचारधीन है।