वाराणसी: छठ पर्व पर छठी मइया के गीत की गूंज घर से घाट तक
वाराणसी: छठ के पावन पर्व को लेकर भक्तिमय वातावरण तैयार हो गया है। सिर्फ इतना ही नहीं छठी मइया के प्रताप के गीत घरों व चौक-चौराहे के सहित नदी घाटों पर गूंजने लगे हैं। घरों एवं मोहल्ले में हो दीनानाथ, केलवा के पात पे उगेलन सुरुजमल, पहिले पहिल छठी मइया, तोके मरबो रे सुगवा धनुख से जैसे ही अन्य गीतों से पवन पर्व का एहसास और ज्यादा हो रहा है।
महिलाएं घरों में गा रही है छठ गीत
बता दे कि महिलाएं घरो में भी मिट्टी के चूल्हे पर पूड़ी-बखीर बनाते समय छठी मइया के गीत गाती हुई नजर आ रही हैं, साथ ही देवी गीत घाटों पर अर्घ्य देने के लिए जाने के दौरान भी गाये जा रहे हैं। घरों से लेकर घाटों तक सखी जाये द न धोवे के बा मोर घरवा, माई डोली चलेली सेवक के घरवा, छठी मइया के करके त्योहार आज पूजा छठ आइल बा जैसे अन्य गाने सुनने को मिल रहें हैं। सिर्फ इतना ही नहीं पूजा के लिहाज से घर से दूर रह रहे सदस्यों के आने का क्रम जारी है।
सोशल मीडिया पर भी छाया छठ गीत
हम आपको बताते चले कि छठ का प्रारम्भ नहाए-खाए के साथ ही हो चुका है। छठ के गीत सोशल मीडिया पर भी छाए हुए है। छठ के महापर्व को और विशेष बनाने के लिए कई तरह के मैसेज भी लोगों के बिच चल रहे हैं। सिर्फ इतना ही नहीं यदि आपको अपने घर बैठे ही छठ एवं घाट की लाइव वीडियो और फोटो चाहिए तो उसका लिंक भी आप देख सकते हैं, जिसमें की विस्तारपूर्वक समस्त जानकारी इस पर्व की उपलब्ध है।
अर्घ्य देने के लिए महिलाएं सजाएंगी सूप
ज्ञात करावा दे कि छठ व्रती महिलाएं खरना के भोग के बाद भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए बांस के अलावा धातु से बने सूप में फल, फूल और पकवान व अन्य रखकर सजाना प्रारम्भ कर देंगी। वहीं सूप में अनार, पपीता, चकोतरा, अमरख, सेव, संतरा, आंवला, अमरूद, शकरकंद, केला,सूप में नारियल, लौकी, कद्दू, नाशपाती,अनानास, केला, कच्ची हल्दी, पंचमेवा, ठेकुआ, चावल का लड्डू खीरा, नींबू, अदरक, हल्दी, मूली, सिंघाड़ा, सिताफल, शरीफा भी चढ़ाए जाएंगे।