ये है वो पांच मामले जिन्होंने करवाई सीएम योगी की किरकिरी, जानिए क्यों लगा जातिवाद का आरोप

ये है वो पांच मामले जिन्होंने करवाई सीएम योगी की किरकिरी, जानिए क्यों लगा जातिवाद का आरोप

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर जातिवाद का आरोप लगाने वाली भारतीय जनता पार्टी अब खुद ही अपने आरोपों में फसती नज़र आ रही है, क्योंकि अब खुद ही उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के ऊपर जातिवादी राजनीती करने का आरोप लग रहा है। सीएम योगी के काम करने के तरीके को लेकर ये पांच बड़े सवाल उठ रहे है, जो उनके जातिवादी राजनीती पे सवाल खड़े कर रहे है।

ये है वो पांच मामले जिन्होंने ने करवाई सीएम योगी की किरकिरी

1. यूपी में डीजीपी पद पर चयन सीएम योगी सरकार ने सबसे पहले सुलखान सिंह को डीजीपी बनाया था। ईमानदारी व वरिष्ठता के आधार पर सुलखान सिंह को कुर्सी देने की बात कही गयी थी इसके बाद ओपी सिंह को डीजीपी बनाया गया है। खास बात है कि ओपी सिंह की तैनाती करने के लिए डीजीपी का पद 15 दिन खाली रखा गया था। दोनों ही अधिकारीयो की जाति को लेकर सीएम योगी पर सवाल उठे थे।

2. इसके आलावा राजीव रौतेला को गोरखपुर का जिलाधिकारी बनाया था। हाईकोर्ट ने अवैध खनन के आरोप में राजीव रौतेला को निलंबित करने को कहा था, इसके बाद भी सीएम योगी सरकार ने कुछ नहीं किया। गोरखपुर चुनाव परिणाम को लेकर जब राजीव रौतला की भूमिका पर सवाल उठे तो चुनाव आयोग को नोटिस जारी करना पड़ा। जातिगत गणित साधने के चक्कर में सीएम योगी सरकार की कोर्ट से लेकर पार्टी तक में किरकिरी हुई थी, बाद में केन्द्र सरकार के हस्तक्षेप के चलते राजीव रौतेला को उत्तराखंड जाना पड़ा।

3. उन्नाव के विधाायक कुलदीप सिंह सेंगर प्रकरण को लेकर सीएम सरकार की जबरदस्त किरकिरी हो रही है। सीएम योगी पर जातिगत राजनीति साधने के लिए ही कुलदीप सिंह सेंगर प्रकरण को हल्का करने का आरोप लग रहा है। यूपी सरकार के साल भर में यह पहला ऐसा बड़ा मामला है जिससे बीजेपी को सबसे अधिक नुकसान हो रहा है।

4. गोरखपुर उपचुनाव में बीजेपी को हार मिली है इसको लेकर सीएम योगी पर कई सवाल उठे थे। बीजेपी ने गोरखपुर सीट पर ब्राह्मण प्रत्याशी को उतार दिया था और माना जाता है कि सीएम योगी खेमा नहीं चाहता था कि इस सीट पर क्षत्रिय के अलावा अन्य कोई जाति का प्रत्याशी जीते। इसके चलते चुनाव प्रचार में गंभीरता नहीं दिखायी गयी और बीजेपी के हाथ से सीट निकल गयी।

5. पुलिस थानों में खास लोगों की तैनाती को लेकर भी सीएम योगी आदित्यनाथ पर सवाल उठ रहे हैं। खास जाति के लोगों को थाना दिया जा रहा है जिसको लेकर बीजेपी के सहयोगी दल सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने भी विरोध जताया था और बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल ने भी भाजपा अध्यक्ष से मुलाकात थी।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.