काशी में हो रहे अमंगल को रोकने के लिए कांग्रेसियों ने शुरू किया पंचक्रोशी यात्रा

काशी में हो रहे अमंगल को रोकने के लिए कांग्रेसियों ने शुरू किया पंचक्रोशी यात्रा

शुक्रवार मणिकर्णिका घाट पर काशी की मंगलकामना को लेकर कांग्रेस ने दृड़ निश्चय लेने के बाद पंचक्रोशी यात्रा शुरू किया हैं। पहले दिन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर व कांग्रेस के विरष्ठ नेता प्रमोद तिवारी भी यात्रा में मौजूद थे। उन्होंने इस यात्रा का मार्ग दर्शन एवं संचालन कर रहे पूर्व विधायक अजय राय और ललितेशपति त्रिपाठी के संग कार्यकर्ताओं के भीड़ को इस यात्रा पर भेज दिया। इसी के पहले लोगों ने दृड़ निश्चय भी लिया।

बता दे कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने बोला कि यह यात्रा कांग्रेसजनों ने आज शुरू किया हैं। काशी में टूटती विरासत, टूटते मंदिरों की मुहीम से हमारी रक्षा करें यहीं भगवान् शंकर से इस कामना है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा कांग्रेस की सांस्कृतिक आस्था को दर्शाने के लिए भी है। यात्रा का नेतृत्व कर रहे पूर्व कांग्रेस विधायक अजय राय ने बोला कि विकास के नाम पर वाराणसी में मंदिरों को तोडा जा रहा है। मंदिर काशी की आस्था का प्रतीक व इसी से काशी का नाम भी जुड़ा हैं। आज से यह यात्रा विनाश रुपी विकास से वाराणसी को बचाने की कामना शुरू किया गया हैं।

यात्रा मे शामिल शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा व सीताराम केसरी,रामसनेही पांडेय, बच्चा सिंह, बचाऊ सिंह, संतोष सिंह, राजीव कुमार, अमित पाठक, संजय सिंह डाक्टर सहित सहयात्री दल मणिकर्णिका से आगे बढ़ चला। अस्सी घाट तक वरिष्ठ नेता सतीश चौबे, प्रो. सतीश राय, शैलेन्द्र सिंह, गोविंद शर्मा, आदि जनो ने साथ दिया। यात्रा गंगा किनारे अस्सी पहुंच कर नगवा, लंका, करौंदी, चितईपुर होते हुए यात्रा के प्रथम पड़ाव कंदवा पहुंची उसके बाद रात हो गया फिर सभी ने आराम किया।

क्या है मान्यता

कहा जाता है कि भगवान राम ने अपने तीनों भाइयों और पत्नी सीता के साथ पंचक्रोशी यात्रा त्रेता युग में किया था। इनके द्वारा स्थापित किया गया शिवलिंग रामेश्वर मंदिर में हैं। अपने पिताजी दशरथ को श्रवण कुमार के माता-पिता के श्राप से मुक्ति करने के लिए भगवान राम ने यह यात्रा किया था। द्रौपदी के साथ पांडवों ने यह यात्रा  द्वापर युग किया था। शिवपुरी के पांडव मंदिर में इनके द्वारा स्थापित किए गए शिवलिंग हैं। इस मंदिर के बगल मे जलकुंड को द्रौपदी कुंड के नाम से जाना जाता है। निर्वासन काल या अज्ञात वास के दौरान पांडवों ने यह यात्रा किया था।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.

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