पारम्परिक संचार माध्यम से प्रचार-प्रसार करेगा स्वास्थ्य विभाग
योजनाओं को समुदाय तक पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रचार-प्रसार के नए तरीकों को अपनाने जा रहा है। इसके लिए वह प्रिंट-इलेक्ट्रानिक और मॉस मीडिया के साथ ही सोशल मीडिया पर भी खास तौर पर फोकस करने जा रहा है। वृहस्पतिवार को वाराणसी मंडल के वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर और चंदौली जिलों के ब्लॉकस्तरीय आईईसी/बीसीसी नोडल अधिकारियों का दो दिवसीय कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित हुई। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (उत्तर प्रदेश) और जिला स्वास्थ्य समिति के तत्वावधान में यूपी टीएसयू और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) के सहयोग से आयोजित कार्यशाला में प्रतिभागियों को लघु फिल्म निर्माण, फेसबुक, ट्विटर व्हाटसएप की हैंडलिंग पर तकनीकी जानकारी दी गयी। इसके साथ ही लोगों ने कार्यशाला में खुद के प्रयास से लघु फिल्म, प्रेस नोट और सोशल मीडिया पर योजनाओं को अपडेट करके भी दिखाया।
वाराणसी मंडल के ब्लॉकस्तरीय नोडल अधिकारियों की कार्यशाला
कार्यशाला के माध्यम से यह प्रयास किया गया कि नयी विधाओं का इस्तेमाल कर समुदाय तक सीधा संवाद किस प्रकार स्थापित किया जाए और योजनाओं के बारे में लोगों की राय,फीडबैक तथा सलाह प्राप्त की जा सके। इन विधाओं के द्वारा अन्य राजकीय विभागों के साथ-साथ पंचायती संस्थाओं तथा गैर सरकारी संगठनों का भी एक साझा मंच स्थापित किया जा सकता है।
पारम्परिक संचार माध्यमों से घर घर पहुचायेंगे सन्देश
कार्यशाला में यह भी तय हुआ कि ग्रामीण अंचल के बहुत से लोग अब भी प्रिंट और अन्य संचार माध्यमों से अछूते हैं, जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मुख्य लक्ष्य मातृ-शिशु मृत्यु दर के साथ ही प्रजनन दर में कमी को प्राप्त करने में आड़े आता है। इसके लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से गाँव के युवक-युवतियों को नुक्कड़ नाटक-लोक गीत आदि फ़ोक मीडिया के माध्यमों में प्रशिक्षित करते हुए माँ-बच्चे और किशोरियों से सम्बंधित स्वास्थ्य संदेशों को घर-घर तक पहुँचाया जाएगा। कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर वाराणसी के जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी राजेश शर्मा तथा गाजीपुर के जिला कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर अनिल कुमार वर्मा ने लोगों को प्रशिक्षण प्रदान किया। कार्यशाला का संयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वी. बी. सिंह और जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी राजेश शर्मा ने किया।