जब ज़िंदा आदमी की निकली शवयात्रा, प्रशासन में मची खलबली

पूर्वांचल राज्य जनांदोलन द्वारा चल रहे अनिश्चित कालीन अनशन के ग्यारहवें दिन भी प्रशासन द्वारा संज्ञान में न लेने की वजह से अनशनकारियों की स्थिति बिगड़ती देख पीआरजे समर्थकों ने अनुज राही हिंदुस्तानी जी की शव यात्रा तक निकाल दी। जिससे प्रशासन में हड़कम्प सी मच गयी,और सैकड़ो की संख्या में उपस्थित पुलिस कर्मियों व पीआरजे समर्थकों में जमकर बहसबाजी और धक्का मुक्की हुयी।
हालात बिगड़ते देख एडीएम सिटी दल बल के साथ तत्काल उपस्थित हुए और स्थिति को काबू में करते हुए अनुज जी और वन्दना जी को अपने हांथो से जूस पिलाकर अनशन को तुड़वाया। लेकिन अनशनकारियों की तबियत ज्यादा बिगड़ते देख प्रशासन के हाँथ पांव फूलने लगे और अनुज जी एवं वन्दना जी को तत्काल मंडलीय अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में उपचार हेतु भर्ती कराया। ज्ञात हो की पूर्वांचल राज्य जनान्दोलन के अनशन के 8 दिन पूर्ण होने के बाद भी मांगें पूरी न होने, अनशनकारियों की हालत लगातार बिगड़ने और वन्दना रघुवंशी जी के मरणासन्न होने के बावजूद योगी सरकार द्वारा अनशन को संज्ञान में न लेने के विरोध में लहुराबीर चौक पर अनुज जी एवं वन्दना रघुवंशी जी की शव यात्रा निकाली गयी।
गौरतलब हो की पुर्वांचल राज्य जनान्दोलन के आंदोलनकारियों ने प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र से अलग पुर्वांचल राज्य की मांग को लेकर 2014 से सक्रिय रूप से आंदोलनरत हैं जिसमे 13 रेल रोको आंदोलन जल सत्याग्रह 117 घण्टे शास्त्री पर अनसन कर चुके है। अनशनकरियो का कहना हैं कि सदर क्षेत्राधिकारी अंकिता सिंह द्वारा महिलाओं को रात तक थाने में बैठाकर प्रताड़ित किया गया जिसमें जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र की भूमिका भी रही इसलिए सदर क्षेत्राधिकारी के निलंबन तथा जिलाधिकारी के स्थान्तरण की मांग पर अनशनकारी अड़े हैं।