ग्रीन वॉरियर्स की महिलाओं ने बदल डाली गांवों की रूपरेखा

ग्रीन वॉरियर्स की महिलाओं ने बदल डाली गांवों की रूपरेखा

वाराणसी: मिर्जापुर के नक्सल प्रभवित क्षेत्र सहित पांच गांवों में इन दिनों एक अनोखी पहल चल रही है। हम आपको बताते चले कि 25-25 ग्रीन वॉरियर्स वाराणसी के खुशियारी, देउरा, रमसीपुर, जगरदेवपुर और भद्रासी गांव में तैनात हैं। हर दिन सुबह होते ही यह महिलाएं गांव के निरीक्षण पर हरी साड़ियों में निकल पड़ती हैं।

तीन वर्षों से कर रहीं है यह कार्य

यह काम वह कोई एक या दो दिन से नहीं कर रही है बल्कि पिछले तीन वर्षों से यह काम इनकी रोजमर्रा की जिंदगी का अभिन्न हिस्सा रहा है। इनकी नजर तमाम तरह की समस्यों पर रहती है जैसे कि कहां नाली चोक है, कहां पानी भरा है, किसने अपने घर के आगे कूड़े का अम्बारा लगा रखा है, सफाईकर्मी नियमित गांव में आ रही है या नहीं आदि।

एक दिन लगाते हैं चौपाल

वही खुशियारी गांव की आशा कहती है कि हम सब सप्ताह के एक दिन चौपाल लगाते हैं। इस चौपाल में हम गांव की सफाई के सभी पहलू की चर्चा करते हैं। हम यहां किस समस्या को कैसे निपटाया जा सकता है हर कोई किसी न किसी तरह का मार्ग मिलकर निकालते है एवं आवश्यकता पड़ने पर प्रधान सहित अधिकारी तक अपनी बात को ले जाते हैं।

घर वालों की तरफ से हुई आलोचना

अमरावती जो कि भद्रासी गांव से है वह कहती है कि हमारे द्वारा जब हरी साड़ी पहन कर इस मुहिम की शुरुआत की गई तो सर्वप्रथम आलोचना हमारे घर वालों की तरफ से हुई। इस वजह से अपनी इस मुहिम से महिलाओं को जोड़ पाना बहुत कठिन कार्य था क्योंकि जहां घर में मार-पिटाई सामान्य समस्या थी, वहीं बहार के लोगो द्वारा भी तीखे ताने सुनने को मिलते थे और घर के पुरुष हाथ तक उठा देते।

अनगिनत बार मिली धमकियां

जगरदेवपुर की गिरिजा देवी वा देउरा की चांदतारा बताती हैं कि हमको अनगिनत बार धमकियां भी मिलीं, पर हमारी एकता को देखते हुए उनको अपने कदम पीछे की तरफ वापस लेने पड़े। अब जब आज गांव चमचमाता हुआ दिखता है, इस कारण हमारी बात भी लोग मानने लगे हैं। गांव में अब तो कचरे से खाद बनने लगी है जिससे लोगों को कमाई का एक बढ़िया रास्ता मिल गया।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.

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