अब सिग्नल तोड़ने वालो की खैर नहीं ट्रैफिक के मामले में स्मार्ट होने वाला है वाराणसी
वाराणसी: इन दिनों शहर में साफ़-सफाई और बुनयादी ढांचा बेहतर बनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, और जब से प्रधानमंत्री मोदी काशी के संसद वह शहर को कई बड़ी सौगाते दे चुके है। इसी के तहत पीएम के वाराणसी को स्मार्ट सिटी बनाने के सपने को लेकर को हर विभाग अपने तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ रहा है और आगामी लोकसभा चुनावो को देखते हुए सरकार सभी योजनाओ को तत्परता से पूरा करना चाहती है।
इसी तहत काशी को ट्रैफिक के लिहाज से स्मार्ट बनाने के लिए ट्रैफिक विभाग ने कमर कस ली है। जिसके तहत शहर के 61 चौराहो को स्मार्ट बनाने की कवायद शुरू कर दी गयी है।
इस विषय में एसपी ट्रैफिक सुरेश चंद्र रावत ने बताया कि वाराणसी स्मार्ट सिटी योजना के अंतगर्त कमांड सेण्टर बनाये जाने व 61 चौराहो पर सिग्नल लाइट और 4-4 इंटरनेट प्रोटोकॉल कैमरे, 24 घंटे काम करने वाले ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्नीशन कमरे तथा 105 जगहों पर आपराधिक गतिविधियो के नियंत्रण हेतु सर्विलांस कैमरे और 16 चैराहो पे रेड सिग्नल वाइलेशन डिवाइस लगाए जाने की तैयारी की जा रही है।
अब ट्रैफिक नियम तोड़ने वालो की खैर नहीं
इसके लिए ट्रैफिक विभाग ने रूंगटा इंडिया लिमिटेड के कार्यकारी प्रबंधक अनिमेष पंडित व उनकी टीम के साथ सॉफ्टवेयर डेवलॅपमेंट के सम्बन्ध में मीटिंग की और तय किया कि सॉफ्टवेयर इस प्रकार से बनाया जायेगा, जिसमे वास्तविक समय पर सभी कैमरे एक वीडियोस्क्रीन पर देखे जा सकेंगे। जिससे किसी भी चौराहे पर ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले के वाहन का नंबर देखकर उसका चालान काटा जा सके।
सॉफ्टवेयर के बारे में बात करते हुए एसपी ट्रैफिक ने बताया कि सॉफ्टवेयर से यह विश्लेषण किया जा सकेगा कि किस मार्ग पर और किस समय पर, कितने वाहन निकल रहे है और कहा पे सबसे ज्यादे यातायात नियमो का उलंघन किया जा रहा है। जिससे यातायात विभाग को नियमो का पालन न करने के साथ ट्रैफिक जाम का भी डेटा उपलब्ध हो सकेगा।