लगातार डीजल के बढ़ते रेट से संकट में कानपुर के ट्रांसपोर्टर
पैट्रोल और डीजल दोनों के रेट बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है। कानपुर में लगातार डीजल के बढ़ते रेट ट्रांसपोर्टरों की जेब पर भारी पड़ रहे हैं। अब काम न होने की वजह से वे चाहते हुए भी किराया बढ़ा नहीं पा रहे हैं। लेकिन उनका कहना है कि आखिर कब तक वे अपनी जेब से पैसे भरेगे। अगर कुछ दिन यही परेशानी रही तो किराया बढ़ाना उनकी मजबूरी हो जाएगी। डीजल का कीमत कम नहीं हुईं तो छोटे ट्रांसपोर्टर माल ले जाने लायक ही नहीं बचेंगे और उनके ट्रक ठप हो जाएंगे। हालांकि काम न होना उनके लिए इस समय सबसे बड़ा संकट बन गया हैं।
बता दे कि कानपुर में इस समय करीब 90 हजार ट्रक ट्रांसपोर्टरों के पास हैं। संचालन पर पिछले 10 दिनों में बड़ा नुकसान हो रहा है। हर लीटर डीजल पर इस बीच करीब ढाई रुपये का अंतर आ गया है। लेकिन उन्हे किराया वही मिल रहा है। जो पहले मिल रहा था। कम काम की वजह से बडी समस्या हो गया है। जिसकी वजह से भाड़ा नहीं बढ़ा पा रहे है। कई राज्यों में डीजल सस्ता मिलने के कारण पर वहां ट्रक जाते हैं। तो चालक टंकी फुल करवा लेते हैं। ताकि कुछ घाटा कम हो। मगर उन राज्यों के ट्रांसपोर्टर कानपुर के ट्रांसपोर्टरों से भी कम भाड़ा ले रहे हैं।
इस समय सबसे ज्यादा समस्या उन ट्रांसपोर्टरों के सामने है। जिनका भाड़ा कारोबारी दबाए हुए हैं। ट्रांसपोर्टर के मुताबिक अगर उन्होंने भाड़ा बढ़ाने की बात की तो वे दूसरे किसी ट्रांसपोर्टर के जरिए माल भेज देंगे और उनका पुराना भाड़ा भी नहीं देंगे। हालांकि जिस तरह जीएसटी में पूरे देश में एक टैक्स की बात कही गई है, उसी तरह पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी पूरी देश में एक हों। अभी जिन राज्यों में कीमत कम है, वे दूसरे राज्य का कारोबार खत्म कर रहे हैं।
एसोसिएशन के अध्यक्ष के मुताबिक संगठन की आल इंडिया बॉडी ने बढ़ती कीमतों के विरोध में 20 जुलाई को एक दिन की हड़ताल करने की घोषणा की है। एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष एपी त्रिपाठी के मुताबिक वे ज्यादा दिन बढ़ी कीमतों पर डीजल लेकर पुराना भाड़ा लेकर चल नहीं सकेंगे और रेट बढ़ा दिया तो काम नहीं मिलेगा। किस्त न चुका पाने से उन्हें खींच लिया जाएगा। जल्दी ही उनके ट्रक खड़े हो जाएंगे।