काशी विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण कार्य प्रारंभ होगा सात अक्तूबर से
वाराणसी: बाबा भोलेनाथ का विश्व विख्यात मंदिर श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण कार्य अक्टूबर माह की सात तारीख को प्रारंभ हो जाएगा। कॉरिडोर का नक्शा इसके पूर्व पांच अक्तूबर तक फाइनल कर लिया जाएगा। 650 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण को शुरू करने के लिए निरंतर मंदिर परिक्षेत्र में काम किया जा रहा है जो कि काशी विश्वनाथ मंदिर से लेकर 500 मीटर लंबे और 60 मीटर चौड़े क्षेत्र हो रहा है।
चार आर्किटेक्ट ने बिड में ली भागीदारी
चार आर्किटेक्टो ने कॉरिडोर की डिजाइन तैयार करने के लिए हुई बिड में अपनी भागीदारी निभाई थी। 27 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट चारों कंपनियों को प्रस्तुत कर देनी होगी। इन सबके बाद ही चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। नक्शा तैयार कर प्रजेंटेशन के बाद पांच अक्तूबर तक नक्शा फाइनल कर दिया जाएगा। परिक्षेत्र में आने वाली प्रस्तावित जमीन, मकानों सहित दुकानों को कॉरिडोर में इससे पूर्व ही सम्मलित कर लिया जाएगा।
65 फीसदी भूमि का हो चुका है बैनामा
वहीं मंदिर प्रशासन द्वारा यह दावा किया गया है कि यह कॉरिडोर जो कि कुल 25 हजार वर्ग मीटर में बनने वाला था अब तक 14 हजार वर्ग मीटर भूमि को कब्जे में ले लिया गया है। वही 65 फीसदी भूमि का बैनामा अब तक हो चुका है। बहुत कम खरीदारी करनी होगी अब। इनमें शामिल है मंदिर और सार्वजनिक स्थान जिनके लिए नहीं करनी पड़ेगी ज्यादा मेहनत।
43 प्राचीन मंदिर किए गए हैं चिह्नित
कुल 43 प्राचीन मंदिर कॉरिडोर में चिह्नित किए गए हैं। जिनमें इनको संवारने एवं जीर्णोद्धार करने के साथ ही मंदिरों के इतिहास भी कॉरिडोर में लिखे जाएंगे। आनंद कानन के नाम से जाना जाएगा कॉरिडोर को।
17 लोगों ने मंदिर प्रशासन को सौंपी चाबी
हम आपको बता दे कि शुक्रवार को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर योजना में कुल 17 लोगों द्वारा अपने – अपने घरों को खाली करके उसकी चाबी मंदिर प्रशासन को सौंप दी गयी। सिर्फ इतना ही नहीं तीन लोगो द्वारा अपने घरों का बैनामा भी कर दिया गया। कमिश्नर दीपक अग्रवाल जो कि देर शाम वहां पहुंचे थे ने सबको धनराशि देकर उनसे चाबी ले ली।
परिसर में तैयारियां है जोरों पर
कॉरीडोर निर्माण को लेकर श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में तैयारियां जोरों पर है। इस वजह से ही दिन – रात अधिकारी दुकानों सहित भवनों को भी खरीदने में लगे हुए हैं। हर दिन इस विकास क्षेत्र में आने वाले लोगों से संपर्क साध कर उनसे आपसी सहमति को लेकर उनके प्रतिष्ठानों, दुकानों एवं जिनके भवन हैं उनसे खरीदने का काम किया जा रहा है।
अधिकारियों को लगी बड़ी सफलता हाथ
मंदिर प्रशासन के अधिकारियों को शुक्रवार को भी उस वक्त बड़ी सफलता हाथ लगी जब कमिश्नर को स्वयं 17 लोग द्वारा आपसी सहमति के आधार पर घरों की चाबी सौंप दी गयी। तीन लोगों द्वारा मंदिर कार्यालय में आकर भवनों की रजिस्ट्री भी कराई गयी।
तीन लोगों द्वारा कराई गयी जमीन रजिस्ट्री
मंदिर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विशाल सिंह ने साफ किया कि तीन लोगों द्वारा अपनी जमीन रजिस्ट्री कराई गयी की है। उन भवनों को निरंतर ही तोड़ने का काम किया जा रहा है जिनकी कि रजिस्ट्री कराई गयी है। साथ ही दो प्रवेश द्वार बंद कर दिए गए हैं।