छलक उठा चरखा चलाने वालो का दर्द, बोले नहीं मिलता है सही मेहनताना
वाराणसी: उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बुनकरों की भलाई के लिए लाखो रूपये खर्च करके सन 1988 में क्षेत्र पंचायत सेवापुरी के बारेमा गांव में स्थापित किया गया कतीन सेवा केन्द्र एक बार फिर चरखो की आवाज से गूंज उठा। इस कतीन सेवा केंद्र का पूर्व में दौरा कर चुके चेयरमैन ने कृषक विकास ग्रामोधोग सिरिहीरा शाखा को केंद्र संचालित करने की घोषणा की गयी थी जिसके बाद यह पुन: कार्यरत हो गया।
सेवापुर विकास खंड के बारेमा गांव में स्थापित कठिन सेवा केंद्र का जीर्णोद्धार हो जाने के बाद वह एक बार फिर से रौनक आ गयी है वर्षो से फिर से चलने की आस लगाए कतीन सेवा केंद्र पर अब 25 चरखों का आवाज से गूंज उठा।
खादी ग्रामोद्योग के सहायता से हुआ कायापलट
खादी ग्रामोद्योग के चेयरमैन जब गांव मे आये थे तो केंद्र की हालात देख दंग रह गये थे और तत्काल केंद्र का कायाकल्प कर दोबारा केंद्र को चालू करने के लिये सिरिहीरा शाखा को निर्देश दिये।
हलाकि यहाँ काम करने वालो को यही मलाल है की उन्हें उनके काम के हिसाब से काफी काम मेहनताना दिया जाता है केंद्र में ही काम करने वाली लक्ष्मीना ने बताया की हम लोग प्रतिदिन सुबह 10 से 5 बजे तक काम पर आ जाते है और एक दिन में 8 से 10 लच्छे तैयार करते है जिसके लिए हमें प्रतिदिन मात्र 40 से 50 रूपये ही मिलते है।
अपने शुरू होने के 5 माह बाद ही यहाँ काम करने वालो में रोष बढ़ने लगा है। महिलाकर्मियों में से एक का कहना है कि हम लोगो को कोई फिक्स मानदेय सम्बंधित विभाग से नही मिलता है। किसी महीने मे 1100 तो किसी महीने मे 1500 रुपये तक ही मिल पाता है।
इस मामले पर बात करते हुए केंद्र के प्रभारी मंत्री संदीप ने बताया की सभी महिलाओ के बच्चे जो पढाई करते है उसे छात्रवृत्ति के रूप में 100 रूपये प्रतिमाह दिया जाता है और इस सप्ताह के बाद से इन महिलाओ के एक लच्छी गुंदी की कीमत 5.50 से बढ़ाकर 8 रुपये कर दिया जायेगा।